रांची : उपद्रवियों द्वारा धार्मिक झंडा जलाए जाने के विरोध में आदिवासी संगठनों ने शनिवार को राजधानी रांची में एक दिवसीय बंद का आह्वान किया है। बंद को देखते हुए प्रशासन ने जगह-जगह पर पुलिस बलों की तैनाती है। इस बंद का समर्थन झारखंड पहान महासंघ, केंद्रीय सरना समिति, राजी सरना प्रार्थना महासभा और अन्य आदिवासी संगठनों ने किया है।
टायर जला कर जाहिर किया रोष
आज सुबह रांची के सड़कों को जामकर टायर जला कर रोष जाहिर किया। बता दें कि बीते दिनों नगड़ा टोली सरना भवन में आयोजित एक प्रेस वार्ता में पाहन महासभा के पाहनों ने कहा कि राजधानी के लोअर करमटोली में असामाजित तत्वों व भू-माफियाओं ने सरना झंडे को उखाड़ कर जला दिया गया। उसके स्थान पर सिर्फ रामनवमी झंडा लगाकर दो समुदायों के बीच धार्मिक उन्माद पैदा करने और अराजकता माहौल उत्पन्न कर राज्य में अशांति फैलाने का प्रयास किया गया है।
आदिवासी संगठनों ने मशाल जुलूस निकाल की उपद्रवियों की गिरफ्तारी की मांग
ये संगठन सरना झंडा जलाए जाने के विरोध में जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम से लेकर अल्बर्ट एक्का चौक तक शुक्रवार को मशाल जुलूस निकाला था। साथ ही दोषी असामाजिक तत्वों की गिरफ्तारी की मांग भी की थी।
सरना झंडा जलाना निंदनीय- जगदीश पाहन
इस बाबत झारखंड पाहन संघ के अध्यक्ष जगदीश पाहन ने कहा कि सरना झंडा को अपमानित किया जाना निंदनीय है और इसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वहीं जगदीश पाहन ने मांग की कि असामाजिक तत्वों की गिरफ्तारी जल्द से जल्द हो। उन्होंने कहा कि इसी मांग को लेकर शुक्रवार को रांची में जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम से लेकर अल्बर्ट एक्का चौक तक मशाल जुलूस निकाला गया और विरोध दर्ज कराया गया।
इमरजेंसी सुविधाओं के लिए छूट
केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने कहा कि आदिवासी अपनी परंपरा व संस्कृति के प्रति जागरूक हो चुके हैं। साथ ही अपने सम्मान की रक्षा के लिए आर-पार की लड़ाई लड़ने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि आठ अप्रैल को रांची बंद ऐतिहासिक होगा, लेकिन इस दौरान एंबुलेंस, स्कूल बसों और डेयरी और दवा की दुकानों छूट दी गई है।
सभी शिक्षण संस्थान बंद
आदिवासी संगठनों द्वारा बुलाये गये बंद को देखते हुए रांची के अनेक शिक्षण संस्थानों ने शनिवार को संस्थान बंद रखने की घोषणा की। वहीं कुछ दिनों पहले साहिबगंज के कुलीपाड़ा में 1 अप्रैल को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान डीजे बजाने को लेकर दो पक्षों में बवाल हो गया था। बवाल इतना बढ़ा कि शहर में तोड़फोड़, अगजनी, पत्थरबाजी जैसी घटनाएं भी हो गई थी।