आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में जूनियर डॉक्टरों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की है। यह मामला 9 अगस्त को अस्पताल में एक पोस्टग्रेजुएट प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के बाद शुरू हुआ। डॉक्टरों ने न्याय की मांग करते हुए हड़ताल कर दी है और अस्पताल में सुरक्षा और बुनियादी ढांचे की कमी को उजागर किया है। उन्होंने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा को भी पत्र की प्रतियां भेजी हैं। डॉक्टरों का कहना है कि शीर्ष अधिकारियों का हस्तक्षेप इस मामले को सुलझाने में मदद करेगा और उन्हें बिना डर के अपने कर्तव्यों का पालन करने की अनुमति देगा।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मामले पर चिंता व्यक्त की है और कहा है कि सरकार इस मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करेगी। उन्होंने कहा कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी और अस्पताल में सुरक्षा बढ़ाई जाएगी। तृणमूल कांग्रेस के नेता और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने भी डॉक्टरों की मांगों का समर्थन किया है और कहा है कि सरकार उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाएगी। विपक्षी दलों ने भी इस मामले पर सरकार की आलोचना की है और कहा है कि सरकार को इस मामले में तेजी से कार्रवाई करनी चाहिए।
जनता ने भी इस मामले पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया है और न्याय की मांग की है। इस घटना से पहले भी अस्पताल में सुरक्षा को लेकर कई घटनाएं हो चुकी हैं, जिससे डॉक्टरों में असंतोष बढ़ता जा रहा है। आलोचकों का कहना है कि सरकार को इस मामले में तेजी से कार्रवाई करनी चाहिए और डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। सरकार से उम्मीद की जा रही है कि वह इस मामले में ठोस कदम उठाएगी और डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। जनता और डॉक्टरों की मांग है कि इस मामले में न्याय हो और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।










