इस्लामाबाद : अभी बीते तीन दिनों से पाकिस्तान हिंसा की आग में झुलस रहा है। दरअसल पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पूरे मुल्क में प्रदर्शन हो रहा है। जगह-जगह प्रदर्शनकारी आग लगा रहे हैं। इस बीच बढ़ती महंगाई भी लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। क्योंकि राजनीतिक हिंसा के बाद आर्थिक संकट व महंगाई का खतरा और बढ़ गया है। पाकिस्तान पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रहा है। लेकिन अब वहां प्रतिदिन खाने-पीने के दामों में इजाफा हो रहा है। वहां आटा से लेकर पेट्रोल तक दोगुने भाव में बिक रहा है। लोगों के पास खाने के लिए पैसे नहीं हैं।
पाकिस्तान में गृहयुद्ध के हालात
दरअसल, डॉलर के मुकाबले पाकिस्तान रुपये के गिरने से विदेशों से सामान आयात करना महंगा पड़ रहा है और इससे जनता पर महंगाई का बोझ बढ़ रहा है। आर्थिक संकट के बीच पूर्व पीएम इमरान खान की गिरफ्तारी से पाकिस्तान में जगह-जगह हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। अगर ऐसा ही चलता रहा तो इस देश में गृहयुद्ध के हालात बन सकते हैं। इससे आने वाले दिनों में पाकिस्तान में महंगाई और बढ़ सकती है।
बढ़ती महंगाई ने लोगों का जीना किया मुहाल
आर्थिक रूप से चरमरा चुके पाकिस्तान में पिछले 1 साल में इस देश में खाने-पीने के सामानों की कीमत बहुत तेजी से बढ़ी हैं। जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान में बीते 1 साल में 1 किलो आटे की कीमत 140-160 रुपये किलो, चावल 350 रुपये किलो हो गया है जबक पेट्रोल 280 रुपये प्रति लीटर के भाव बिक रहा है। खाने-पीने और तेल के दामों में औसतन दोगुना की वृद्धि हो गई है। पिछले साल मई 2022 में पाकिस्तान में आटा 65, चावल 114, पेट्रोल-डीजल क्रमशः 150 और 145 रुपये प्रति लीटर बिक रहा था लेकिन आज दोगुने से ज्यादा हैं।
180 रुपये लीटर बिक रहा दूध
पाकिस्तान में रसोई गैस सिलेंडर का प्राइस मई 2022 में 2500 रुपये था लेकिन आज की तारीख में इसका दाम 3400 से ज्यादा है। वहीं, शक्कर की कीमत 87 से बढ़कर 120 रुपये हो गई। आलू-प्याज और टमाटर की कीमत क्रमशः 80, 70 और 97 रुपये प्रति किलोग्राम है। खाने का तेल 493 से बढ़कर 500 रुपये प्रति लीटर और दूध 180 रुपये लीटर बिक रहा है।
पाकिस्तान ने श्रीलंका को छोड़ा पीछे
हैरान करने वाली बात है कि पाकिस्तान ने महंगाई और आर्थिक बदहाली के मामले में श्रीलंका को भी पीछे छोड़ दिया है। अप्रैल में यहां महंगाई दर 36.4 प्रतिशत पर पहुंच गई, जबकि श्रीलंका में यह 35.3 प्रतिशत रही। पाकिस्तान में महंगाई का यह आंकड़ा 1964 के बाद सबसे ज्यादा है। आर्थिक रूप से बदहाल पाकिस्तान को किसी अंतरराष्ट्रीय संस्था से कोई मदद नहीं मिल रही है। पाकिस्तानी रुपया 2023 में अब तक ग्लोबल स्तर पर सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली करेंसीज में से एक बन गया है, जो डॉलर के मुकाबले 20 प्रतिशत गिरा है।









