मुंबई : शरद पवार ने एनसीपी (NCP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा वापस लिया। शरद पवार एनसीपी के अध्यक्ष पद पर बने रहेंगे। उन्होंने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा करते हुए कहा, “मैं आपकी भावनाओं का अपमान नहीं कर सकता। मैं भावुक हो गया हूं और अपना फैसला वापस ले रहा हूं।” एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा कि 2 मई को मैंने एनसीपी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया था। ऐसा लगा था कि मेरी कई सालों की सेवा के बाद मुझे रिटायर होना है।
‘सभी की भावनाओं का रखा ख्याल’
उन्होंने अपना फैसला वापस ले लिया। इसके पीछे की वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं ने कहा कि वो फिर से अध्यक्ष पद संभाल लें। ऐसे में वो उनकी भावनाओं का अनादर नहीं कर सकते। इसलिए वो अपना फैसला वापस ले रहे हैं। पवार ने कहा कि कार्यकर्ताओं और एनसीपी के सीनियर नेताओं के कहने के बाद सभी की भावनाओं का ख्याल रखते हुए उन्होंने अपना फैसला बदल लिया।
इस्तीफा से एनसीपी के पदाधिकारियों को दुख हुआ- शरद पवार
शुक्रवार को मीडिया को संबोधित करते हुए शरद पवार ने कहा, “मेरी कई सालों की सेवा के बाद मुझे लगा कि अब रिटायर होना है। 2 मई 2023 के दिन मैंने एनसीपी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा लेने का फैसला लिया। इससे एनसीपी के पदाधिकारियों को दुख हुआ। कार्यकर्ताओं, हित चिंतक और पार्टी के सीनियर नेता और चाहने वालों ने आग्रह किया कि फैसला वापस लूं। मेरी तरफ से सभी का भावनाओं का अनादर नहीं हो सकता। मैं एनसीपी रिटायर होने के फैसले से पीछे हो रहा हूं।” माना जा रहा है कि अपने फैसले से शरद पवार ने एक तीर से कई निशाने साध दिए।
पवार ने 2 मई को NCP के अध्यक्ष पद से दिया था इस्तीफा
शरद पवार ने 2 मई को एनसीपी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया। पवार के इस एलान का एनसीपी कार्यकर्ताओं ने भारी विरोध किया। पार्टी नेताओं ने भी अपील की कि वे अपना फैसला वापस ले लें। इसके बाद शरद पवार ने समिति बनाई जो नए अध्यक्ष का चुनाव करेगा। 5 मई को समिति ने पवार के इस्तीफे के फैसले को खारिज कर दिया। इसकी जानकारी शरद पवार को भी दे दी गई। कुछ ही घंटे के बाद शरद पवार मीडिया से मुखातिब हुए और अपने फैसले को वापस लेने का एलान कर दिया। तीन दिन के भीतर शरद पवार का हृदय परिवर्तन हो गया।









