छतरपुर : बागेश्वर धाम के धीरेद्र शास़्त्री से शादी की आस लेकर चली शिवरंजनी तिवारी छतरपुर पहुंचते ही विवादों में आ गयी। छतरपुर के लोगों ने शिवरंजनी के पिता पर बड़ा आरोप लगाया है। लोगों का कहना है कि शिवरंजनी के पिता पंडित बैजनाथ तिवारी एक ब्रांड का आयुर्वेदिक तेल बनाते हैं। सोशल मीडिया में वायरल एक पोस्टर में तेल की मार्केटिंग बागेश्वरधाम चिकित्सालय के माध्यम से करने की सूचना दी जा रही है। शिवरंजनी तिवारी और उनके पिता बैजनाथ तिवारी ने छतरपुर में पत्रकारों के समक्ष स्वीकार किया है कि वे तेल बागेश्वरधाम में बेचते थे।
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के सेवकों ने धमकाया- बैजनाथ तिवारी
बैजनाथ तिवारी ने आरोप लगाया है कि विवाद के चलते पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के सेवकों ने उन्हें धमकाया था। इसके बाद उन्होंने वहां तेल बेचना बन्द कर दिया। इसी तरह शिवरंजनी का दावा है कि उन्होंने गंगोत्री से 12 सौ किलोमीटर की पैदल यात्रा की है, जबकि अनेक वायरल वीडियो में उन्हें कार में बैठकर चलते देखा गया है। तेल के विवाद और पैदल चलने के दावे की पोल खुलने के बाद शिवरंजनी का मामला पेचीदा होता जा रही है। वहीं, बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की चुप्पी भी कई सवालों को जन्म दे रही है?
बागेश्वर धाम से जुड़े लोगों ने उठाया पर्दा
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री से मिलने पहुंची शिवरंजनी तिवारी के पिता कभी बागेश्वर धाम में तेल बेचने आए थे। शिवरंजनी की यात्रा में जो कार शामिल है, उस पर भी तेल का विज्ञापन चस्पा है। खुद शिवरंजनी के पिता बैजनाथ और बागेश्वर धाम से जुड़े लोगों ने इस मामले से पर्दा उठाया।
‘मार्कंडेय नाम का तेल लेकर आए थे बैजनाथ’
गंगोत्री से पदयात्रा कर पंडित धीरेंद्र शास्त्री से मिलने पहुंची शिवरंजनी के पिता बैजनाथ कुछ समय पहले बागेश्वर धाम आए थे। बागेश्वर धाम कमेटी के सदस्य सुंदर रैकवार ने बताया कि वे अपने साथ मार्कंडेय नाम का तेल लेकर आए थे। उन्होंने यहां आने वाले भक्तों को यह तेल वितरित किया था। उन्होंने इसे फ्री में बांटने की बात कही थी, लेकिन कुछ समय बाद वे पैसे लेकर तेल बेचने का काम करने लगे।
धीरेंद्र शास्त्री ने क्या कहा ?
बैजनाथ तिवारी पर आरोप लगा कि उन्होंने तेल की शीशी पर पंडित धीरेंद्र शास्त्री के दादा गुरु जी की फोटो लगा दी। इस बात की जानकारी धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री तक भी पहुंची। जिसके बाद बागेश्वर धाम कमेटी ने बैजनाथ तिवारी को धाम से चले जाने का आग्रह किया। साथ ही दादा जी फोटो लगी तेल की शीशियों को भी उनसे ले लिया गया। धीरेंद्र शास्त्री ने स्पष्ट किया था कि धाम में आने वाले किसी भी व्यक्ति से किसी भी प्रकार से रुपए नहीं लिए जाते हैं। यहां की सेवा पूर्णतया निःशुल्क है।
तेल के बदले हमने किसी से नहीं लिए रुपए
इस मामले में बैजनाथ तिवारी ने अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि मैं बागेश्वर बाला जी का शिष्य हूं और शिवरंजनी तिवारी का पिता हूं। नवंबर में मैं और मेरा बेटा दर्शन के लिए बागेश्वर धाम आए थे। हम वृद्धाश्रम, अनाथ आश्रम और गौशाला में मार्कण्डेय तेल वितरित करते हुए चलते हैं। कोई यह नहीं कह सकता है कि तेल के बदले हमने किसी से रुपए लिए। हमने न तो किसी को तेल बेचा, न ही यह कहा कि हमारी बोतल रख लो और तेल का प्रचार करो।