शनिवार को महाशिवरात्रि है. जिसको लेकर शिवालयों में तैयारियां जोरोशोर से चल रही हैं. लेकिन ज्योतिष शास्त्र में भी इस दिन को खास माना जाता है. यह दिन भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए सबसे खास है. पौराणिक मान्यता के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था. महाशिवरात्रि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन सर्वर्थसिद्धि योग शाम 05:42 से अगले दिन सुबह 06:50 तक रहेगा. महाशिवरात्रि की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 18 फरवरी को रात 08 बजकर 02 मिनट पर होगी और इसका समापन 19 फरवरी को शाम 04 बजकर 18 मिनट पर होगा.
कैसे करें भगवान शिव की पूजा ?
महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराएं. उसके बाद जल में थोड़ा केसर डालकर, अगर केसर नहीं है, तो आप दूध से उनको स्नान कराएं. महाशिवरात्रि को पूरी रात दीपक जलाएं. भगवान शिव को सफेद चंदन का तिलक लगाएं. उसके बाद तुलसी, जायफल, धतूरा, फल, मिठाई, मीठा पान, इत्र चढ़ाएं. भगवान शिव और मां पार्वती को खीर का भोग लगाएं. भोग लगाने के बाद ‘ॐ नमो भगवते रूद्राय, ॐ नमः शिवाय रूद्राय् शम्भवाय् भवानीपतये नमो नमः’ मंत्रों का जाप करें. इस दिन शिवपुराण का पाठ करना भी बेहद शुभ होता है.