रामगढ़ जिले के रजरप्पा में ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) के कद्दावर नेता सुबीन तिवारी ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा दे दिया, जिसने स्थानीय राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी। सुबीन, जो आजसू छात्र संघ के रामगढ़ जिला सचिव और युवा मोर्चा के जिला सह प्रभारी थे, ने अपने इस्तीफे में बताया कि उन्होंने 2012 में आजसू की सदस्यता ग्रहण की थी। इस दौरान उन्होंने चितरपुर प्रखंड अध्यक्ष, विनोबा भावे विश्वविद्यालय सचिव, और रामगढ़ जिला सचिव जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य करते हुए संगठन और छात्र हितों के लिए समर्पित भाव से सेवा की। उनके इस अप्रत्याशित कदम ने पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों को आश्चर्य में डाल दिया।
सुबीन तिवारी ने अपने इस्तीफे में निजी कारणों का हवाला देते हुए कहा कि वह वर्तमान में संगठनात्मक दायित्वों, विशेष रूप से रामगढ़ जिला सह प्रभारी के कर्तव्यों का निर्वहन करने में असमर्थ हैं। उन्होंने भावुक होकर आजसू सुप्रीमो सुदेश कुमार महतो, गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी, रामगढ़ की पूर्व विधायक सुनीता चौधरी, और संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त किया। सुबीन ने कहा कि पिछले 13 वर्षों में पार्टी ने उन्हें सामाजिक और राजनीतिक पहचान दी, और इसके लिए वह हमेशा कृतज्ञ रहेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि उन्होंने केवल राजनीतिक और सामाजिक दायित्वों का निर्वहन किया, जो उनकी निष्ठा और समर्पण को रेखांकित करता है।
सुबीन तिवारी का इस्तीफा आजसू के लिए एक महत्वपूर्ण क्षति है, क्योंकि उन्होंने छात्र और युवा वर्ग में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज की थी। यह कदम न केवल संगठन के लिए, बल्कि झारखंड की युवा राजनीति के लिए भी एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है। सुबीन ने संगठन और इसके कार्यकर्ताओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए अपनी नई शुरुआत की ओर संकेत दिया। उनके इस फैसले ने कई सवाल खड़े किए हैं, और यह देखना दिलचस्प होगा कि उनका अगला कदम क्या होगा।
-रिपोर्टर: अमन कुमार मिश्रा