नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के चौथे वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमआर शाह का सोमवार यानी आज उनके काम का आखिरी दिन था। इस दौरान वह भावुक हो गए। उन्होंने रोते हुए कहा कि वह सेवानिवृत्त होने वाले व्यक्ति नहीं हैं। जीवन में एक नई पारी की शुरुआत करेंगे। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली औपचारिक बेंच पर बैठे न्यायमूर्ति शाह ने अपने भाषण के अंत में राज कपूर का फेमस गाना ‘जीना यहां, मरना यहां’ गाया।
जब भावुक हो गए जस्टिस शाह
जस्टिस शाह ने कहा, ‘मैं रिटायर होने वाला व्यक्ति नहीं हूं और मैं अपने जीवन की एक नई पारी शुरू करने जा रहा हूं। मैं सर्वशक्तिमान ईश्वर से प्रार्थना कर रहा हूं कि वह मुझे नई पारी खेलने के लिए शक्ति और साहस तथा अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करें।’ जस्टिस शाह ने अंत में सभी को धन्यवाद देते हुए राज कपूर के एक गीत ‘…कल खेल में हम हो ना हो, गर्दिश में तारे रहेंगे सदा.. जीना यहां, मरना यहां…’ गाया और इसके बाद वो भावुक हो गए और उनका गला रुंध आया।
2 नवंबर, 2018 को शीर्ष अदालत में नियुक्त किए गए जस्टिस शाह के रिटायर होने के साथ सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की संख्या अब सीजेआई सहित 32 हो जाएगी। एक दिन पहले ही जस्टिस दिनेश माहेश्वरी पदमुक्त हुए थे। शीर्ष अदालत में 34 न्यायाधीशों का पद स्वीकृत है।
प्रधान न्यायाधीश ने तारीफ के बांधे पुल
विदाई समारोह में प्रधान न्यायाधीश ने शाह के साथ अपने रिश्तों को याद किया। उन्होंने कहा कि मैं भारत का अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल था उस समय से मेरा शाह के साथ रिश्ता है। बाद में जब वह सुप्रीम कोर्ट में आए तो हमारी दोस्ती को एक नया रूप मिल गया। उन्होंने कहा कि हम कठिन समय में कोरोना महामारी के दौरान एक साथ बैठे। सीजेआई ने आगे कहा कि जब मैं शाम को इस अध्यक्षता से मुक्त हो जाऊंगा, तब शाह के दोस्त के रूप में आप सभी से बात करूंगा।
काम से कभी पीछे नहीं हटे
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि शाह हमेशा चुनौती के लिए तैयार रहते हैं। यहां तक कि कोविड के समय में भी मैंने पाया कि जब हम अपने-अपने घरों में बैठे थे और कुछ पेचीदे मामले सामने आ रहे थे उस समय वह हर चुनौती के लिए तैयार थे। उन्होंने कहा कि वह कभी ऐसे व्यक्ति नहीं रहे, जो काम से बचते हों। अगर मैंने एक निर्णय भेजा होगा तो शाह का फैसला रातोंरात उनकी टिप्पणियों के साथ वापस आ जाता था।
शाह ने साथियों से मांगी माफी
न्यायमूर्ति शाह ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में सेवा करने में मदद करने के लिए बार के सदस्यों और एससी अधिकारियों और उनके सहायक कर्मचारियों को धन्यवाद दिया। शाह ने कहा कि मुझे नहीं पता कि मैं इसके लायक हूं या नहीं, लेकिन मैं इसे विदाई उपहार के रूप में स्वीकार करता हूं। उन्होंने कहा कि मेरे कार्यकाल के दौरान अगर किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची है, तो मैं माफी मांगता हूं। मैंने हमेशा अपने काम को पूजा के रूप में लिया है। मैं आपके द्वारा दिए गए प्यार और स्नेह से अभिभूत हूं। मैं सभी का आभारी हूं।









