सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में ‘न्याय की प्रतीक’ मूर्ति का अनावरण किया, जिसमें न्याय की मूर्ति की आंखों से पट्टी हटा दी गई है। यह अनावरण 16 अक्टूबर 2024 को हुआ। नई मूर्ति न्याय की पारदर्शिता और निष्पक्षता को दर्शाने के उद्देश्य से बनाई गई है, जिसमें न्याय की देवी के आंखों पर बंधी पट्टी को हटा दिया गया है। यह कदम न्यायपालिका की ओर से जनता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और जवाबदेही को प्रकट करता है।
सरकार ने इस नई पहल का स्वागत किया है। केंद्रीय कानून मंत्री ने कहा कि यह कदम न्याय प्रणाली में पारदर्शिता को बढ़ावा देगा और जनता के विश्वास को मजबूत करेगा। पहले की मूर्ति में न्याय की देवी की आंखों पर पट्टी बंधी होती थी, जो यह दर्शाती थी कि न्याय अंधा है और यह निष्पक्ष रूप से किया जाता है। हालांकि, समय के साथ इस प्रतीक की आलोचना हुई और इसे पारदर्शिता और जवाबदेही के प्रतीक के रूप में देखा जाने लगा।
इस नई पहल के बाद भविष्य में न्यायपालिका में पारदर्शिता और निष्पक्षता को और भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। जनता की प्रतिक्रिया भी इस बदलाव को लेकर सकारात्मक रही है। लोगों का मानना है कि यह बदलाव न्याय प्रणाली में विश्वास को और मजबूत करेगा। न्याय की देवी की नई मूर्ति को देखकर लोग उत्साहित हैं और इसे न्याय की दिशा में एक सकारात्मक कदम मान रहे हैं।