7 नवंबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने डॉग बाइट के बढ़ते मामलों पर सख्ती दिखाते हुए बड़ा आदेश दिया। जस्टिस विक्रम नाथ, संदीप मेहता और एनवी अंजारिया की बेंच ने कहा कि स्कूल, हॉस्पिटल, बस स्टैंड, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और रेलवे स्टेशन से आवारा कुत्तों को 8 हफ्ते में हटाया जाए। कुत्तों को पहले स्टरलाइज कर शेल्टर भेजा जाए, और उन्हें उसी जगह वापस न छोड़ा जाए। कोर्ट ने म्यूनिसिपल अथॉरिटी को नियमित इंस्पेक्शन का आदेश दिया और कहा, “हर आवारा कुत्ता तुरंत हटे, स्टरलाइज हो, फिर शेल्टर जाए।”
कोर्ट ने सभी राज्यों-केंद्रशासित प्रदेशों को ABC रूल्स में खामियों को सुधारने का निर्देश दिया। अमिकस क्यूरी की रिपोर्ट में कमियों पर सख्ती दिखाते हुए कहा कि अगली सुनवाई से पहले विस्तृत हलफनामा दाखिल हो, जिसमें सुधार के कदम हों। “कोई ढील बर्दाश्त नहीं होगी,” कोर्ट ने चेतावनी दी। साथ ही, हाईवे से आवारा मवेशी-कुत्ते हटाने के लिए डेडिकेटेड पेट्रोलिंग टीम और हेल्पलाइन नंबर लगाने का आदेश दिया। चीफ सेक्रेटरी को जिम्मेदारी सौंपी गई, और कहा कि गड़बड़ी पर अफसर जिम्मेदार होंगे।
यह मामला 28 जुलाई को शुरू हुआ था, जब दिल्ली में बच्चों पर डॉग बाइट और रेबीज से मौतों की रिपोर्ट पर कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया। पहले कोर्ट ने दिल्ली-NCR से आवारा कुत्तों को रिहायशी इलाकों से हटाने का आदेश दिया था। अब देशभर में लागू करते हुए कोर्ट ने कहा कि शेल्टर में प्रोफेशनल्स हों, स्टरलाइजेशन-इम्यूनाइजेशन हो, और पब्लिक फीडिंग पर सख्ती हो। अगली सुनवाई 13 जनवरी 2026 को होगी।










