- श्री अग्रसेन स्कूल में ताल और तमाशा महोत्सव का आयोजन
- पंच परमेश्वर और भगवान बिरसा मुंडा का संघर्ष के मंचन ने बांधा समा।
श्री अग्रसेन स्कूल भुरकुंडा में स्कूल के इंटरैक्ट क्लब के तत्वावधान में बुधवार को फिल्म एवं नाट्य महोत्सव ‘ताल और तमाशा’ का आयोजन हुआ। इसका उद्घाटन सीसीएल बरका-सयाल के महाप्रबंधक अजय कुमार सिंह, सीबीएसई के हजारीबाग जोन सिटी कॉर्डिनेटर डॉ रजनीश कुमार, विद्यालय के निदेशक प्रवीण राजगढ़िया, प्राचार्य विवेक प्रधान ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
महोत्सव की शुरुआत नुक्कड़ नाटक ‘खामोशी कब तक’ से हुई। जिसमें झारखंड फिल्म एंड थियेटर अकादमी के 50 कलाकारों की टीम ने महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा पर आधारित नाटक प्रस्तुत किया। इसके उपरांत विभिन्न मुद्दों पर आधारित नाटकों की प्रस्तुति की गई।
एकाडमी के कलाकारों ने भ्रष्टाचार का अचार’ का मंचन करते हुए विभिन्न विभागों में भ्रष्टाचार को प्रदर्शित किया व इसके विरुद्ध आवाज उठाने का संदेश दिया। नाटक में दिखाया गया कि भ्रष्टाचार के कारण कैसे लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है। कलाकारों ने ‘मुक्ति’ में दिखाया कि कैसे आज के युवा नशे के शिकार हो रहे हैं। नशे से उनका जीवन बर्बाद हो रहा है। नाटक में नशा छुड़ाने के लिए नशा मुक्ति केंद्र एवं अन्य उपायों को अपनाने का संदेश दिया। ‘वो पागल नहीं बीमार था’ के माध्यम से मेंटल हेल्थ से जुड़े तनाव, डिप्रेशन, मायूसी की जानकारी दी गई। बताया गया कि दूसरे लोग इससे पीड़ित व्यक्ति की मदद करने के बजाय उसे ताना मारने लगते हैं। उसे पागल कहा जाने लगता है। जिससे वह और भी बीमार हो जाते हैं। ऐसे लोगों को साथ, सहयोग और उपचार से ठीक किया जा सकता है। ‘हाथ की सफाई’ में लोगों को सही ढंग से हाथ धोने के लिए प्रेरित किया गया, ताकि अनेकों प्रकार की बीमारियों से बचा जा सके। हाथ धोने के सभी स्टेप्स बताए गए। महोत्सव के अंत में ‘भगवान बिरसा मुंडा का जीवन संघर्ष’ का मंचन करते हुए बिरसा मुंडा के जन्म, संघर्ष और उनकी मृत्यु को प्रदर्शित किया। छात्रों ने अपनी संवाद अदायगी और भाव-भंगिमा से सभी को भाव-विभोर कर दिया।
——–महाप्रबंधक अजय कुमार सिंह ने कहा कि स्कूल सीखने-सिखाने का माध्यम है। इस भव्य आयोजन और विद्यालय की समृद्ध व्यवस्था को देखकर कह सकते हैं कि विद्यालय इसपर खरा उतर रहा है। इस तरह का आयोजन बच्चों को रंगमंच को करियर के रूप में चुनने को प्रेरित करता है। अभिनय और गीत-संगीत का हुनर हृदय को सुकून देता है।
———— सिटी कॉर्डिनेटर डॉ कुमार ने कहा कि इस तरह का आयोजन छात्रों के आत्मविश्वास और रचनात्मकता को बढ़ाता है। उन्हें सामाजिक मुद्दों पर अपनी आवाज उठाने को प्रेरित करता है। इस अवसर पर रोटरी क्लब ऑफ रांची के अध्यक्ष अमित अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष डॉ विनय ढानढनिया, ललित त्रिपाठी समेत कई अतिथि उपस्थित थे। आयोजन को सफल बनाने में इंटरैक्ट क्लब के सदस्यों का योगदान रहा।
हेल्दी होने का प्रमाण है पीरियड
महिलाओं के पीरियड पर आधारित ‘ओ री चिरैया’ की प्रस्तुति से कलाकारों ने इस विषय पर सभी को जागरूक किया। संदेश दिया कि पीरियड्स का आना इस बात का प्रमाण है कि आप हेल्दी हैं। इससे जुड़ी भ्रांतियों, व्यक्तिगत स्वच्छता, सेनेटरी पैड का इस्तेमाल के बारे में बताया गया। यह भी संदेश दिया कि इन मुश्किल दिनों में हम उनकी सीधे तौर पर कोई मदद भले न कर सकें, लेकिन उनसे सही से पेश आकर उन्हें मानसिक मजबूती जरूर दे सकते हैं।
हिंदी फिल्म गिलुआ की हुई स्क्रीनिंग
विभिन्न फिल्म उत्सवों में कई पुरस्कार जीत चुकी झारखंड में सच्ची घटना पर बनी फिल्म ‘गिलुआ’ की स्क्रीनिंग भी हुई। यह एक सात साल के बच्चे और उसकी मां की कहानी है। गोड्डा में एक बच्चा है जिसका नाम अमित कोड़ा है। जिसपर 2014 में एक अखबार में खबर छपी थी। वह बच्चा हर दिन अपने स्कूल से दो अंडा अपनी मां के लिए चोरी करता है, क्योंकि डॉक्टर ने कहा था कि अगर उसकी मां हर दिन दो अंडा खाएगी तो जल्द ही टीबी बीमारी से ठीक हो जाएगी। इसलिए वह स्कूल से अंडे की चोरी करता था। उसकी मां को चोरी के बारे में जानकारी नहीं थी, उसे पता था कि अंडा स्कूल में मिलता है। अखबार में खबर छपने के बाद तत्कालीन सीएम रघुवर दास ने उस बच्चे को गोद ले लिया था। उसी बच्चे की कहानी गिलुआ में दिखाई गई है कि कैसे एक सात साल का गरीब बच्चा अपनी मां के लिए क्या-क्या त्याग करता है। इस अवसर पर गिलुआ की भूमिका निभाने वाले सात्विक सिन्हा, फिल्म के निर्देशक राजीव सिन्हा, निर्माता ज्योति सिन्हा को सम्मानित किया गया।