Desk. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लखनऊ विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग को दुष्कर्म पीड़िता की कुंडली की जांच का आदेश दिया है। अब हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने खुद संज्ञान लिया है। इस मामले पर शीर्ष अदालत ने सभी पक्षकारों को नोटिस जारी किया है और अगली सुनवाई 10 जून को की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट का निर्देश दिया है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट मेरिट के आधार पर जमानत पर सुवनाई करे।
लखनऊ के थाना चिनहट में दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक आरोपी और पीड़िता की शादी पारिवारिक रजामंदी से तय हुई थी। इसी दौरान विवाह से पहले दोनों के बीच मोबाइल पर बातचीत और वीडियो कॉलिंग होने लगी। इसी दौरान पीड़िता के पिता का देहांत हो गया। इस मौके पर अपनी मां के साथ शोक संवेदना व्यक्त करने आए आरोपी ने शादी का झांसा देकर पीड़िता के साथ शारीरिक संबंध बनाए और घर वापस लौटने के बाद शादी करने से इन्कार करते हुए पीडि़ता की आपत्तिजनक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल करने और जान से मारने की धमकी दी थी, जिसके विरूद्ध पीड़िता ने प्राथमिकी दर्ज करवा दी थी, आरोपी को पुलिस ने जेल भेज दिया था।
उच्च न्यायालय में आरोपी के जमानत प्रार्थना पत्र पर बहस करते हुए आरोपी की अधिवक्ता कहना था कि आरोपी की शादी पारिवारिक सहमति से ही तय होनी थी। दोनो की कुंडली मिलान के लिए एक दूसरे के परिजनों को दी गई थी। आरोपी के पुरोहित की राय में लड़की की कुंडली में मांगलिक दोष है। इसके कारण परिजन शादी नहीं करना चाहते हैं, जबकि पीड़िता के अधिवक्ता का दावा है कि पीड़िता की कुंडली में मंगलिक दोष नहीं है।
मामले की सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने कुंडली दोष की निष्पक्ष जांच के लिए प्रश्नगत कुंडली को लखनऊ विश्वविघालय के ज्योतिष विभाग को भेजते हुए तीन सप्ताह में जांच रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में 26 जून को पेश करने का आदेश दिया है।