तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसिद्ध लड्डू प्रसाद में मिलावटी घी के उपयोग के आरोपों ने धार्मिक और सामाजिक हलकों में हलचल मचा दी है। इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई है, जिसमें विशेष जांच दल (SIT) से जांच की मांग की गई है। याचिकाकर्ताओं का दावा है कि लड्डू में मिलावटी घी का उपयोग किया जा रहा है, जिससे न केवल भक्तों की धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं, बल्कि उनकी सेहत पर भी बुरा असर पड़ सकता है। यह मामला तब सामने आया जब कुछ भक्तों ने लड्डू के स्वाद और गुणवत्ता पर सवाल उठाए और इसकी जांच की मांग की।
सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। पुलिस ने भी इस मामले की जांच शुरू कर दी है और मंदिर प्रशासन से संबंधित दस्तावेज और सैंपल जुटाए जा रहे हैं। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि लड्डू में उपयोग किए जा रहे घी के सैंपल को फॉरेंसिक लैब भेजा गया है और रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। मंदिर प्रशासन ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए कहा है कि लड्डू में उच्च गुणवत्ता का घी ही उपयोग किया जाता है और भक्तों की सेहत का पूरा ध्यान रखा जाता है।
इस विवाद ने भक्तों और आम जनता के बीच भी गहरी प्रतिक्रिया उत्पन्न की है। कई भक्तों ने मंदिर प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताई है और सख्त कार्रवाई की मांग की है। वहीं, कुछ लोग इसे मंदिर की छवि खराब करने की साजिश बता रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे को लेकर बहस छिड़ी हुई है। भक्तों का कहना है कि मंदिर प्रशासन को इस मामले में पारदर्शिता बरतनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए। इस विवाद के चलते मंदिर प्रशासन और सरकार पर भी दबाव बढ़ गया है कि वे जल्द से जल्द इस मामले का समाधान निकालें और भक्तों का विश्वास बहाल करें।