गिरिडीह और हजारीबाग में हाल ही में हुए दो अलग-अलग सड़क हादसों में चार युवकों की दर्दनाक मौत हो गई। इन घटनाओं में, जिनमें से एक हजारीबाग में बुधवार देर रात हुई और दूसरी गिरिडीह में गुरुवार सुबह, युवकों ने हेलमेट नहीं पहना था। हजारीबाग की घटना में, एक ट्रक ने बाइक सवार दो युवकों को कुचल दिया, जबकि गिरिडीह की घटना में फैक्ट्री जा रहे दो युवकों को एक ट्रेलर ने टक्कर मारी और कुचल दिया। हजारीबाग की घटना में मृतकों की पहचान राहुल कुमार यादव और अनिल कुमार के रूप में हुई, जबकि गिरिडीह की घटना में शंकर साव पंडित और अनीश अहमद की मौत हुई।
इन घटनाओं के बाद मृतकों के परिजनों ने विरोध प्रदर्शन किया। गिरिडीह में परिजनों ने शव को सड़क पर रखकर जाम लगा दिया, जिसे नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू और अन्य अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद समाप्त किया गया। मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने बालमुकुंद फैक्ट्री प्रबंधन से बातचीत की और सरकार की ओर से मृतकों के परिवारों को राहत और मुआवजे का आश्वासन दिया। हजारीबाग की घटना के बाद भी अस्पताल में परिजनों ने हंगामा किया, जिसके कारण प्रशासन को लाठीचार्ज करना पड़ा।
इन घटनाओं से एक महत्वपूर्ण संदेश सामने आता है – सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन करना अत्यावश्यक है, विशेष रूप से हेलमेट पहनने के मामले में। हेलमेट का उपयोग दुर्घटनाओं के दौरान जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और इसका पालन न करने से जीवन को गंभीर खतरा हो सकता है। इस प्रकार की दुर्घटनाओं से बचने के लिए लोगों को जागरूकता बढ़ाने और सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन करने की आवश्यकता है।