रांची : एलन मस्क के एलान के बाद माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर की कार्रवाई जारी है। इसी क्रम में झारखंड के भी कई हस्तियों का ब्लू टिक हट गया है। इससे इन हस्तियों के ट्विटर अकाउंट अब सामान्य हो गए हैं।
इन हस्तियों का हटा ब्लू टिक
झारखंड के जिन बड़ी हस्तियों को ब्लू टिक गंवानी पड़ी, उनमें पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास और पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी भी शामिल हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सांसद दीपक प्रकाश की भी ब्लू टिक छिन गई है। हजारीबाग के सांसद जयंत सिन्हा और कांग्रेस सांसद गीता कोड़ा की भी ब्लू टिक हट गई है। ट्विटर ने कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों के अकाउंट से भी ब्लू टिक हटा लिया है। इसके अलावा झारखंड सरकार के मंत्री बन्ना गुप्ता, डॉ रामेश्वर उरांव, हफीजुल हसन, मिथिलेश कुमार ठाकुर सहित लगभग मंत्रियों को भी ब्लू टिक गंवानी पड़ी है। झारखंड विधानसभा के स्पीकर रवींद्र नाथ महतो के अकाउंट से भी वेरिफाइड बैज हटा दिया गया है।
हेमंत सोरेन के अकाउंट से नहीं हटा ब्लू टिक
वहीं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अकाउंट से ब्लू टिक नहीं हटा है। उनके अकाउंट पर ब्लू टिक का बैज कायम है। इसके साथ ही राज्यसभा सांसद आदित्य साहू और रांची के भाजपा सांसद संजय सेठ की भी ब्लू टिक बरकरार है। झारखंड कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश ठाकुर और झारखंड सरकार के मंत्री चंपई सोरेन का भी ब्लू टिक कायम है।
जो भुगतान करेंगे उन्हें मिलेगा ब्लू टिक
गौरतलब है कि एलन मस्क ने एलान किया था 20 अप्रैल 2023 के बाद से पेड सब्सक्रिप्शन नहीं लेने वाले यूजर्स के अकाउंट्स से ब्लू टिक हटा दिए जाएंगे। ट्विटर के नए नियमों के मुताबिक अब ब्लू चेक मार्क सिर्फ उन लोगों को ही मिलेगा जो ट्विटर ब्लू के लिए भुगतान करेंगे। इसका भारत में बड़ा प्रभाव पड़ा है और कई बड़ी हस्तियों, राजनेताओं, अभिनेताओं, खिलाड़ियों और पत्रकारों के चेक मार्क हट गए हैं।
क्या था ट्विटर पर ब्लू टिक का मतलब?
ट्विटर पर ब्लू टिक दिया जाना एक तरह का स्टेटस सिंबल था। ब्लू टिक वाले लोगों को ट्विटर में एक अलग नजर से देखा जाता था क्योंकि ब्लू टिक का ट्विटर उन लोगों को ही देता था जिनकी समाज में कोई प्रमाणिकता होती थी और वह विशिष्ट लोगों की श्रेणी में आते थे।
ट्विटर के लिए यहां पर विशिष्ट लोगों से तात्पर्य उन लोगों से है जो किसी भी स्थिति में उस भूभाग जहां पर वह हैं, सामाजिक, सरकारी, राजनीतिक रूप से लोगों को इंफ्लूएंस करने की ताकत रखते हैं, इसलिए यह निर्धारित किया गया कि उनको ब्लू टिक दिए जाने की जरूरत है।










