चिनियां प्रखंड में तीन दिवसीय ग्राम स्तरीय जलछाजन परियोजना जागरूकता अभियान हुआ संपन्न
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आज दिनांक 19 फरवरी 2025 को जल है तो कल है और मिट्टी है तो जीवन है, उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए ‘ जल लाए धन-धान्य ‘ थीम के साथ चिनियां प्रखंड में तीन दिवसीय ग्राम स्तरीय जलछाजन परियोजना जागरूकता अभियान का समापन हो गया। आज हुए कार्यक्रम में मुख्य रूप से गढ़वा विधायक सतेंद्रनाथ तिवारी,उपायुक्त शेखर जमुआर तथा वन प्रमंडल पदाधिकारी दक्षिणी वन प्रमंडल एबिन बेन्नी एब्राह्म ने भाग लिया।
यह कार्यक्रम भूमि संसाधन विभाग, भारत सरकार द्वारा संचालित प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत झारखंड राज्य जलछाजन मिशन, ग्रामीण विकास विभाग, झारखंड सरकार द्वारा आयोजित जलछाजन कार्यक्रम, वन प्रमंडल पदाधिकारी दक्षिणी वन प्रमंडल द्वारा चिनिया प्रखंड में क्रियान्वित किया गया।
वाटरशेड यात्रा महोत्सव का शुभारम्भ श्री शिवराज सिंह चौहान, माननीय मंत्री – ग्रामीण विकास विभाग, भारत सरकार द्वारा दिनांक 05 फरवरी 2025 को मध्य प्रदेश के शिवहर जिले से किया गया, इसी क्रम में झारखण्ड जलछाजन मिशन ग्रामीण विकास विभाग झारखण्ड सरकार द्वारा राँची से इसका शुभारंभ किया गया।
इस यात्रा/महोत्सव का मुख्य उदेश्य मृदा एवं जल संरक्षण हेतु लोगों में जन भागीदारी के माध्यम से जलछाजन के बारे में जागरूकता, ग्रामीणों की सहभागिता बढ़ाने, प्राकृतिक संसाधनों जैसे- उपजाऊ मिट्टी, भू-गर्भ जल, जंगल, पशुधन का उचित प्रबंधन करने तथा खेती एवं आजीविका को बढ़ाकर लोगों के जीवन स्तर में सुधार करना है।
इस यात्रा के तहत विगत दिनों जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर समाहरणालय परिसर,गढ़वा से परियोजना क्षेत्र चिनियां के लिए प्रस्थान करते हुए तीन दिनों का ग्राम स्तरीय जागरूकता अभियान चलाया गया।
जलछाजन परियोजना ( प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0) का संचालन भूमि संसाधन विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, भारत सरकार द्वारा राज्य के सहयोग से क्रियान्वित की जा रही है, इसके तहत गढ़वा जिला में एक परियोजना चिनियां प्रखण्ड के कुल 06 पंचायतो के 17 गांवों में परियोजना क्रियान्वयन एजेंसी वन प्रमण्डल पदाधिकारी, दक्षिणी वन प्रमण्डल गढ़वा द्वारा क्रियान्वित किया गया।
इस परियोजना के अन्तर्गत कई मदों के माध्यम से कार्य किया गया, जिसमें मुख्य रूप से प्रवेश मूलक कार्य, क्षमतावर्धन मद, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, आजीविका संबर्धन, उत्पादन क्षमता प्रणाली आदि थे।
उपायुक्त श्री जमुआर ने जलछाजन के बारे में बताया कि यह एक भूजलीय इकाई है, जहां विभिन्न स्रोतों से एकत्रित जल एक साझा बिन्दु से प्रवाहित होकर नदी नाला में बहकर चला जाता है। झारखण्ड की भौगोलिक संरचना विशेष कर गढ़वा जिला जहां अनियमित वर्षा के कारण अधिकांश क्षेत्र सूखा तथा कृषि कार्य को प्रभावित करती है, जिसके कारण जलछाजन कार्यक्रम की प्रासंगिकता और बढ़ जाती है। इस कार्यक्रम द्वारा संसाधनों का सही उपयोग तथा वर्षा जल का समुचित प्रबंधन कर ग्रामीण क्षेत्र का सर्वागीण विकास संभव है।
गढ़वा विधायक श्री तिवारी ने जलछाजन कार्यक्रम के उद्देश्य के बारे में बताते हुए कहा कि इसके द्वारा जल, जंगल, जानवर, जन तथा जमीन का उचित संरक्षण एवं विकास करना। परिस्थितिकी में सही संतुलन स्थापित करना । मिट्टी के कटाव को रोकना। प्राकृतिक तथा वनस्पतियों को पुनर्जीवित करना। वर्षा जल का संरक्षण तथा भू-जल को बढ़वा देना। मिश्रित खेती तथा खेती के नई तकनीकों को बढ़वा देना। टिकाउ जीविकोपार्जन पद्ती को बढ़वा देना हैं।
इसी उद्देश्य से गढ़वा जिला के चिनियां प्रखंड अन्तर्गत संचालित जलछाजन परियोजना कुल 06 पंचायतों के 17 गाँवों में कुल 5977.55 हेक्टेयर भूमि में ग्रामीण विकास विभाग अन्तर्गत जलछाजन परियोजना क्रियान्वित की जा रही है, जिसके तहत प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, आजीविका समवर्धन तथा उत्पादन क्षमता प्रणाली जैसे घटकों के माध्यम से कृषि उत्पादकता तथा आय में बढ़ोतरी होगी। इस कार्यक्रम में भोला यादव, गनेश्वर यादव, राजू परहिया सहित अन्य को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया तथा कौशल आजीविका सखी मंडल समूह, उमा, सरिता, जयंती(SHG) आदि समूह को मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया।
आज कार्यक्रम में उपरोक्त के अलावे मुखिया चिनियां, जिला तकनीकी विशेषज्ञ प्रमोद सेठ, डीआरडीबी के कार्यालय प्रबंधक मिथिलेश कुमार, सहायक मुकेश कुमार सहित अन्य लोग मौजूद रहे।