पलाश हर्बल गुलाल: इको-फ्रेंडली होली की अनूठी पहल झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (JSLPS) द्वारा इस वर्ष भी सखी मंडल की महिलाओं के जरिए तैयार किए गए पलाश हर्बल गुलाल ने होली के रंगों में पर्यावरण का ध्यान रखने का संदेश दिया है। मुख्यमंत्री द्वारा शुरू किए गए पलाश ब्रांड के अंतर्गत ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक स्वावलंबन प्रदान करने का यह प्रयास सराहनीय है। हर्बल गुलाल की खासियत यह है कि इसे पूरी तरह से प्राकृतिक सामग्री जैसे पालक, चुकंदर, पलाश, हल्दी और सिंदूर से तैयार किया गया है। इसका निर्माण न केवल त्वचा के लिए सुरक्षित है, बल्कि यह पर्यावरण को रसायनों से होने वाले नुकसान से भी बचाता है। 9 से 13 मार्च 2025 तक राज्य भर में 100 से अधिक स्टॉलों पर इस हर्बल गुलाल को बिक्री के लिए उपलब्ध कराया गया है।
ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देने में पलाश ब्रांड एक सशक्त माध्यम बन रहा है। हजारों सखी मंडल की महिलाएं इस ब्रांड के जरिए न केवल गुलाल बना रही हैं, बल्कि अन्य उत्पाद जैसे रागी लड्डू, हैंडमेड चॉकलेट और कुकीज़ भी तैयार कर रही हैं। इन उत्पादों को प्रमुख जिलों के स्टॉलों पर प्रदर्शित किया जा रहा है। इस पहल के माध्यम से महिलाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त हो रहे हैं और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है। खासतौर पर रांची में विभिन्न स्थानों पर लगाए गए स्टॉलों पर ग्राहकों की भारी भीड़ देखी जा रही है। यह पहल न केवल महिलाओं को स्वावलंबी बना रही है, बल्कि समाज में पर्यावरण के प्रति जागरूकता भी फैला रही है।
इको-फ्रेंडली होली मनाने की इस पहल की सराहना राज्य के हर कोने में हो रही है। पलाश ब्रांड के उत्पादों ने ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के जीवन में न केवल आत्मनिर्भरता लाई है, बल्कि बाजार में उनके उत्पादों को स्थान दिलाने में भी मदद की है। राज्य स्तरीय प्रदर्शनी और बिक्री अभियान ने स्थानीय व्यवसाय को बढ़ावा देने के साथ-साथ उपभोक्ताओं को हर्बल उत्पादों के प्रति आकर्षित किया है। सखी मंडल की महिलाओं की यह मेहनत और पहल पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक उत्थान का आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करती है। इससे न केवल महिलाओं का सशक्तिकरण हो रहा है, बल्कि होली जैसे त्योहार में भी हरित और सुरक्षित संदेश का प्रचार हो रहा है।