नई दिल्ली : सरकार से बातचीत के बुलावे के बाद पहलवान बजरंग पूनिया केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मिलने उनके आवास पर पहुंचे हैं। सूत्रों के मुताबिक, पूनिया के साथ किसान नेता राकेश टिकैत भी हैं। एक दिन पहले मंगलवार (6 जून) को केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बृजभूषण के खिलाफ आंदोलन कर रहे खिलाड़ियों को बातचीत का आमंत्रण भेजा था। बजरंग पूनिया और राकेश टिकैत के कुछ देर बाद ही पहलवान साक्षी मलिक और उनके पति सत्यव्रत कादियान भी अनुराग ठाकुर के घर पहुंचे।
‘सरकार के XYZ प्रस्ताव को नहीं करेंगे स्वीकार’
साक्षी मलिक ने कहा, हम देखेंगे कि सरकार हमें क्या प्रस्ताव देती है। हमारी प्रमुख मांग बृजभूषण की गिरफ्तारी है। अगर हमें सरकार का प्रस्ताव पसंद आता है, तो हम खाप नेताओं से सलाह लेंगे। हम सरकार के XYZ प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करेंगे। हम अपना आंदोलन खत्म नहीं करेंगे।
खेल मंत्री ने भेजा बैठक का प्रस्ताव
दरअसल, केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने पहलवानों को बातचीत के लिए बुलाया था। उन्होंने मंगलवार को ट्वीट कर बताया था, मैंने एक बार फिर पहलवानों को इसके लिए आमंत्रित किया है। इससे पहले 3 जून यानी शनिवार की रात पहलवानों ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इसके बाद 5 जून को बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट रेलवे में अपनी अपनी नौकरी पर वापस लौट गए थे। हालांकि, पहलवानों ने साफ कर दिया था कि जब तक महिला पहलवानों को न्याय नहीं मिलता, वे आंदोलन जारी रखेंगे।
बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ 23 अप्रैल से पहलवानों ने खोल रखा है मोर्चा
विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया के नेतृत्व में तमाम पहलवानों ने जनवरी में पहली बार कुश्ती संघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोला था। पहलवानों ने बृजभूषण शरण पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। तब खेल मंत्रालय के दखल के बाद पहलवानों का धरना खत्म हो गया था।
इसके बाद 23 अप्रैल को पहलवान दोबारा जंतर मंतर पर धरने पर बैठे। इसके साथ ही 7 महिला पहलवानों ने बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत दिल्ली पुलिस से की थी। पुलिस ने महिला पहलवानों की शिकायत पर बृजभूषण के खिलाफ दो मामले दर्ज किए हैं।
28 मई को जंतर मंतर से नई संसद तक निकाला था मार्च
इन पहलवानों ने 23 अप्रैल से 28 मई तक जंतर मंतर पर धरना दिया था। पहलवानों ने 28 मई को जंतर मंतर से नई संसद तक मार्च निकाला था। इसी दिन पीएम मोदी नई संसद का उद्घाटन कर रहे थे। ऐसे में पुलिस ने मार्च की अनुमति नहीं थी। इसके बावजूद जब पहलवानों ने मार्च निकालने की कोशिश की थी, तो पुलिस के साथ हाथापाई और धक्का मुक्की हुई थी। इसके बाद पुलिस ने 28 मई को पुलिस ने पहलवानों को धरना स्थल से हटा दिया था।










