Khalistani Avtar Singh Khanda Death : लंदन में भारतीय उच्चायोग पर हमले के मास्टरमाइंड अवतार सिंह खांडा की मौत हो गई है। अवतार खांडा को खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह का खास माना जाता रहा है। तबीयत खराब होने के बाद उसे बर्मिंघम के अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी मौत हो गई। सूत्रों के मुताबिक अवतार सिंह खांडा को ब्लड कैंसर हो गया था। हालांकि अस्पताल की मेडिकल रिपोर्ट्स में अभी इस बात की पुष्टि नहीं की गई है।
इलाज के दौरान मौत हुई मौत
बताया जा रहा है कि खालिस्तान लिबरेशन फोर्स नाम के उग्रवादी संगठन के चीफ रहे अवतार सिंह खांडा की लंदन के बर्मिंघम शहर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई है। यहां वे इलाज के लिए भर्ती कराए गए थे। अब तक खांडा की मौत की वजह सामने नहीं आई है और मेडिकल रिपार्ट्स का इंतजार किया जा रहा है।
इन्होंने की मौत की पुष्टि
यूके बेस्ड खालसा एड के फाउंडर रवि सिंह ने मौत की पुष्टि करते हुए इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट किया। इस बीच खबरों के अनुसार अवतार सिंह गंभीर बीमारी से जूझ रहा था। वह ब्लड कैंसर की बीमारी से पीड़ित था और उसे 15 दिन पहले ही लंदन के बर्मिंघम अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उसकी तबियत में कोई सुधार नहीं हुआ। और आज उसकी अस्पताल में मौत हो गई।
19 मार्च को लंदन में भारतीय उच्चायोग में हुई हिंसा का मास्टरमाइंड था खांडा
सुत्रों के अनुसार खांडा के समर्थक चाहते हैं कि मिडिकल रिपोर्ट में जहर दिए जाने का संकेत मिले ताकि खांडा को शहीद घोषित कर सकें और हत्या का आरोप भारतीय सुरक्षा एजेंसियों पर लगा सकें।
गौरतलब है कि खांडा इसी साल 19 मार्च को लंदन में भारतीय उच्चायोग में हुई हिंसा का मुख्य सूत्रधार था। लंदन में भारतीय उच्चायोग के सामने 19 मार्च को हुए प्रदर्शन के दौरान उपद्रवी भीड़ ने भारत का झंडा भी उतार लिया था और उसकी जगह खालिस्तानी झंडा फहराने की कोशिश की थी। इस मामले में लंदन पुलिस ने खांडा को गिरफ्तार किया था। हालांकि उच्चायोग के अधिकारियों के विरोध के चलते वे इसमें असफल रहे थे।
इसने बनाया था वारिस पंजाब दे नाम का संगठन
उल्लेखनीय है कि खालिस्तान लिबरेशन फोर्स नाम के उग्रवादी संगठन के चीफ रहे खांडा के दीप सिद्धू के भी रिश्ते थे, जिसने वारिस पंजाब दे नाम का संगठन बनाया था। अवतार सिंह खांडा खालिस्तान लिबरेशन फोर्स आतंकी कुलवंत सिंह का बेटा था। साल 2007 में वह पढ़ाई के नाम पर लंदन चला गया था और वहां शरण ले ली। वह तथाकथित खालिस्तान के लिए अलगाववादी आंदोलन के प्रति सिख युवाओं को कट्टरपंथी बनाने में सहायक था। खांडा के पिता भी एक आतंकी थे, जिन्हें 1991 में सुरक्षा बलों ने मार गिराया था।










