नई दिल्ली : मणिपुर के बिगड़े हालात पर आज यानी शनिवार (24 जून) को बैठक होनी वाली है। गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में सभी दल के नेता मौजूद रहेंगे। इस बीच विपक्षी दल, मोदी सरकार से देरी की वजह पूछ रहे हैं।
बता दें कि मणिपुर में बीते 50 दिनों से अधिक हो रही हिंसा की आग थमने का नाम नहीं ले रही है। पुलिस, असम राइफल और अन्य सुरक्षा एजेंसियों की तमाम कोशिशों के बावजूद मैतेई-कूकी समुदाय के बीच जातीय संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा है।
विपक्षी दल मोदी सरकार पर साधा निशाना
इस सर्वदलीय बैठक में केंद्र सरकार, हिंसा और उसकी वजहों के बारे में सभी दलों के नेताओं को ब्रीफ करेंगे। और इससे जुड़े मुद्दों पर सरकार का सहयोग करने की भी अपील कर सकते हैं। हालांकि इतने दिनों बाद हुई इस बैठक को लेकर सभी विपक्षी दल सरकार पर निशाना साध रहे हैं, और उनसे देरी की वजह पूछ रहे हैं।
कांग्रेस ने पीएम मोदी को घेरा
इस बैठक को लेकर विपक्षी पार्टी के नेताओं ने लोगों के सामने अपना पक्ष रखा है। कांग्रेस ने गुरुवार (22 जून) को कहा था कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की आधिकारिक यात्रा पर हैं तो ऐसे समय में मणिपुर के मामले पर सर्वदलीय बैठक बुलाए जाने का क्या मतलब है। मुख्य विपक्षी दल ने मणिपुर में हिंसा पर प्रधानमंत्री की ‘चुप्पी’ और इस बैठक के इंफाल के बजाय दिल्ली में होने को लेकर भी सवाल किए।
मणिपुर पर सर्वदलीय बैठक प्रधानमंत्री मोदी के लिए महत्वपूर्ण नहीं- राहुल गांधी
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि मणिपुर पर सर्वदलीय बैठक प्रधानमंत्री मोदी के लिए महत्वपूर्ण नहीं है। राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘मणिपुर 50 दिनों से जल रहा है, मगर प्रधानमंत्री मौन रहे। सर्वदलीय बैठक तब बुलाई गई जब प्रधानमंत्री खुद देश में नहीं हैं। साफ है, प्रधानमंत्री के लिए यह बैठक महत्वपूर्ण नहीं है।’’ कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक वीडियो जारी कर कहा, ‘‘प्रधानमंत्री अमेरिका में हैं, लेकिन वह मणिपुर के बारे में खामोश हैं। उन्होंने मणिपुर के नेताओं से मुलाकात करने से मना कर दिया। हिंसा के 51 दिन बीत जाने के बाद सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है।’’









