रांची. आज डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, रांची के कुलपति डॉ. तपन कुमार शांडिल्य ने विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन विभाग में सेमेस्टर तीन के विद्यार्थियों की मीडिया इकोनॉमिक्स पाठ्यक्रम से संबंधित कक्षा ली। गौरतलब है कि कुलपति डॉ. तपन कुमार शांडिल्य स्वयं अर्थशास्त्र के प्रोफेसर हैं। इसी क्रम में उन्होंने बैचलर ऑफ जर्नलिज्म के सेमेस्टर 3 के पाठ्यक्रम में शामिल मीडिया इकोनॉमिक्स के टॉपिक पर आज पूरे 1 घंटे तक विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करते हुए कक्षा ली।
इस क्रम में उन्होंने विद्यार्थियों को अर्थशास्त्र की मूल अवधारणा से अवगत कराते हुए बताया कि अर्थशास्त्र के शाब्दिक और वास्तविक अर्थ में क्या भिन्नता है। आगे उन्होंने काफी रोचक और सरल तरीके से अपने व्याख्यान में बताया कि 1776 से पूर्व अर्थशास्त्र का अध्ययन स्वतंत्र रूप से न करके सामाजिक विज्ञान के अंतर्गत किया जाता था। 1776 में प्रो. एडम स्मिथ की पुस्तक Wealth Of Nation प्रकाशित हुई और यहीं से अर्थशास्त्र का वैज्ञानिक अध्ययन प्रारंभ हुआ। इसके उपरांत कुलपति डॉ. तपन कुमार शांडिल्य ने विद्यार्थियों को मीडिया अर्थशास्त्र की वर्तमान प्रासंगिकता के विषय में विस्तारपूर्वक बताया।
उन्होंने मीडिया के महत्व को दर्शाते हुए कहा कि कोई भी समाज, सरकार, वर्ग , संस्था या समूह मीडिया की महता को दरकिनार कर आगे नहीं बढ़ सकता। उन्होंने मीडिया को लोकतंत्र का चौथा महत्वपूर्ण स्तंभ बताते हुए कहा कि आप विद्यार्थियों को इस पाठ्यक्रम को काफी मनोयोग से पूरा करना चाहिए ताकि आगे चलकर समाज में अपनी महती भूमिका का निर्वहन कर एक आदर्श समाज के निर्माण में सहभागी बनें।
उन्होंने मीडिया अर्थशास्त्र का उल्लेख करते हुए विद्यार्थियो को बताया कि अर्थशास्त्र को मूल रूप से समझकर मीडिया अर्थशास्त्र को गहराई से समझकर उसकी अवधारणा का अध्ययन किया जा सकता है। अपने अध्यापन के क्रम में उन्होंने विद्यार्थियों से निरंतर संवाद करते हुए काफी सरल तरीके से सबंधित टॉपिक पर अपना व्याख्यान दिया। इसके पूर्व स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन के निदेशक प्रो राजेश कुमार सिंह और विभागीय शिक्षकों और विद्यार्थियों ने कुलपति डॉ. तपन कुमार शांडिल्य का स्वागत और आभार प्रकट किया।