Desk. ज्ञानवापी मस्जिद मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। कोर्ट ने मस्जिद में मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग और साइंटिफिक सर्वे कराने का आदेश दिया है। कोर्ट ने आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को आदेश दिया है कि शिवलिंग के अपर पार्ट का सर्वे करें। साथ ही स्ट्रक्चर में किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाने का भी निर्देश दिया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट में ज्ञानवापी परिसर में सर्वे के दौरान मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग जांच और साइंटिफिक सर्वे की मांग को लेकर याचिका दाखिल की गयी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर ली है। साथ ही कोर्ट ने एएसआई को बिना क्षति पहुंचाये शिवलिंग की कार्बन डेटिंग जांच करने का आदेश दिया है। वाराणसी की अधीनस्थ अदालत ने सुप्रीम कोर्ट की यथास्थिति कायम रखने के आदेश के चलते कार्बन डेटिंग जांच कराने से इंकार कर दिया था, जिसे चुनौती दी गई थी।
इससे पहले 20 मार्च को हुई सुनवाई में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से कोर्ट ने पूछा था कि क्या शिवलिंग को नुकसान पहुंचाए बिना कार्बन डेटिंग जांच की जा सकती है? याची अधिवक्ता ने बताया कि इस जांच से शिवलिंग की आयु का पता चल सकेगा पर अभी तक एएसआई ने हाईकोर्ट में कोई जवाब दाखिल नहीं किया है। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए एएसआई को जवाब दाखिल करने के लिए अंतिम मौका दिया था।