प्रयागराज : कानूनी पेंच के चलते माफिया अतीक अहमद अपने बेटे असद की अंतिम यात्रा में शामिल नहीं हो पाएगा। उसको बेटे असद के जनाजे में जाने की अनुमति नहीं मिल सकी है। एनकाउंटर का समाचार उस समय मिला जब वह कोर्ट रूम में मौजूद था। इसी समय झांसी में असद और गुलाम हसन का एनकाउंटर किया गया। जैसे ही यह समाचार मिला पूरे कचहरी परिसर में अधिवक्ताओं ने जय श्री राम और योगी जिंदाबाद के नारे लगाने लगे।
‘मेरे कृत्य की सजा मेरे बेटे को मिली’
कोर्ट रूम से बाहर निकलने के बाद अशरफ ने अतीक को असद और गुलाम का एनकाउंटर किए जाने की बात बताई तो माफिया कुछ देर के लिए बदहवास हो गया। इस दौरान उसने यह भी कहा कि यह सब मेरे कारण ही हुआ है। मेरे कृत्य की सजा मेरे बेटे को मिली है। इसके बाद उसने अपने वकील के माध्यम से कोर्ट से बेटे के जनाजे में जाने की अनुमति मांगी। जिसे कोर्ट ने नामंजूर कर दिया।
असद के नाना को दिया जा सकता है शव
दरअसल माफिया अतीक अहमद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर साबरमती जेल में बंद है। उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी होने के चलते उसे सीजेएम ने उसे कोर्ट के सामने पेश करने का आदेश जारी किया था, जिसके अनुपालन में उसे कोर्ट में बृहस्पतिवार को पेश किया गया। असद के शव पर मां या बाप ही दावा कर सकते हैं, लेकिन दोनों इस समय मौजूद नहीं है। माफिया अतीक अहमद जहां जेल में बंद है वहीं असद की मां शाइस्ता परवीन फरार चल रही है। ऐसे में पोस्टमार्टम के बाद असद के शव को शाइस्ता के ससुर यानी असद के नाना को दिया जा सकता है।