बोकारो में विस्थापितों के रोजगार की मांग को लेकर गुरुवार को हुए प्रदर्शन ने उग्र रूप ले लिया। बोकारो स्टील प्लांट के मुख्य गेट पर जमा विस्थापितों ने अपनी माताओं और पत्नियों के साथ रास्ता जाम कर दिया और प्लांट के अंदर जाने से रोकने का प्रयास किया। पुलिस और प्रशासन द्वारा की गई बैरिकेडिंग को तोड़ने के प्रयास में स्थिति तनावपूर्ण हो गई। पुलिस और सीआईएसएफ ने लाठीचार्ज किया, जिसमें कई लोग घायल हुए। इस संघर्ष के दौरान विस्थापित प्रेम महतो गंभीर रूप से घायल हो गए और उनकी मौत हो गई, जिससे आक्रोश बढ़ा।
इस घटना के बाद, शुक्रवार को बोकारो बंद का आह्वान किया गया। जेएलकेएम के सुप्रीमो जयराम महतो ने प्रेम महतो की मौत के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया। बोकारो पहुंचे जयराम महतो और स्थानीय विधायक श्वेता सिंह के बीच तीखी नोकझोंक हुई। दोनों पक्षों के समर्थक आमने-सामने आ गए और इस विवाद में जयराम महतो के वाहन को भी नुकसान पहुंचा। श्वेता सिंह ने आरोप लगाया कि जयराम महतो को उनके विधानसभा क्षेत्र में राजनीति नहीं करनी चाहिए, जबकि महतो ने इसे अपने समर्थन और जनता के प्रति कर्तव्य का हिस्सा बताया।
विस्थापितों की मांग है कि उन्हें बोकारो स्टील प्लांट में रोजगार या वैकल्पिक व्यवस्था दी जाए। इस प्रदर्शन के जरिए उन्होंने अपने हक की आवाज बुलंद की, लेकिन प्रशासन और प्रदर्शनकारियों के बीच बढ़ते टकराव ने हिंसक मोड़ ले लिया। प्रेम महतो की मौत से उपजी नाराजगी और बोकारो बंद के चलते स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई है।