रांची के बरियातु इलाके में रहने वाले एक सेवानिवृत्त कोयला कंपनी अधिकारी को साइबर ठगों ने अपने जाल में फंसा लिया। ठगों ने 11 दिनों तक उन्हें डिजिटल अरेस्ट में रखा और इस दौरान उनसे 2.27 करोड़ रुपये की ठगी कर ली। इन पैसों में उनकी पत्नी की जमा पूंजी भी शामिल थी। पीड़ित ने इस घटना की शिकायत सीआईडी के साइबर थाने और साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दर्ज कराई है।
घटना 10 दिसंबर 2024 को शुरू हुई जब पीड़िता के मोबाइल पर एक कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को ट्राई का अधिकारी बताया और कहा कि उनके नंबर से अवैध विज्ञापन और भ्रामक संदेश भेजे जा रहे हैं। ठगों ने पीड़ित को अरेस्ट करने की धमकी दी और वीडियो कॉल के माध्यम से डराया। उन्होंने 10 से 20 दिसंबर के बीच आठ बार में अलग-अलग बैंक खातों में कुल 2.27 करोड़ रुपये ट्रांसफर करवा लिए। इसमें एक महिला भी शामिल थी, जिसने खुद को दिल्ली क्राइम ब्रांच की अधिकारी बताया।
इस दौरान ठगों ने पीड़ित को लगातार कैमरे के सामने रहने और पैसे ट्रांसफर करने का दबाव बनाया। इस घटना में पीड़ित की जिंदगीभर की जमा पूंजी चली गई। जब पीड़ित को ठगी का एहसास हुआ, तो उन्होंने ठगों के नंबर पर कॉल करने की कोशिश की, लेकिन नंबर ब्लॉक कर दिया गया था। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।