आज दिनांक 10 मार्च को अपराह्न 12 बजे डीएसपीएमयू के सभागार में Dr श्यामा प्रसाद मुखर्जी व्याख्यानमाला श्रृंखला के तहत प्रथम व्याख्यान का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि सह वक्ता के तौर पर आमंत्रित थे, अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय, बिलासपुर, छत्तीसगढ़ के कुलपति Dr एडीएन बाजपेई। विषय था, विकसित भारत, 2047 तक। इस विकसित भारत विषय पर वृहत कार्यशाला सह व्याख्यान की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति dr तपन कुमार शांडिल्य ने कहा कि जिन महापुरुष के नाम पर यह विश्वविद्यालय है , उनके नाम से इस व्याख्यानमाला की शुरुआत करते हुए काफी गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं और विषय भी भावनात्मक तौर पर काफी प्रासंगिक है , विकसित भारत, 2047 तक।
कुलपति Dr तपन कुमार शांडिल्य ने अपने संबोधन में कहा
कुलपति Dr तपन कुमार शांडिल्य ने अपने संबोधन में कहा कि देश के प्रधानमंत्री ने पांच प्रणों की घोषणा की है और इस पर बल देते हुए कहा है अगर देश के युवा इन पांच प्रणों को समुचित विकास की धारा के साथ जोड़ दे तो निश्चय ही भारत 2047 तक भारत एक विकसित राष्ट्र की श्रेणी में होगा। उन्होंने भारत के गौरवशाली इतिहास की विस्तार से चर्चा करते हुए भारत देश के अर्थ को परिभाषित करते हुए कहा कि भारत यानी वह देश जो ज्ञान में लीन हो। उन्होंने उपस्थित विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए कहा कि भारत युवाओं का देश है और वर्तमान में हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे है , जल्द ही आने वाले 25 वर्षों में भारत विकसित राष्ट्रों की श्रेणी में आ जाएगा ।
लक्ष्य को पूरा करने में
उन्होंने कहा कि 21 वीं सदी भारत की सदी है और न सिर्फ 2047 बल्कि उसके पूर्व ही हमें प्रधानमंत्री के इस सामूहिकता के साथ कार्य करने की आवश्यकता है। मुख्य अतिथि सह वक्ता Dr एडीएन बाजपेई ने विकसित भारत की संकल्पना को विस्तार से समझाते हुए कहा कि विकास वह होता है जिसमें सबकी सहभागिता होती है। पूरे विश्व में भारत ही एक ऐसा देश है जो सामूहिकता में विकास की परिकल्पना को साकार करना चाहता है और भारत ने पूरे विश्व को एक कुटुंब माना है।
सराहना करते हुए कहा
उन्होंने नई शिक्षा नीति की सराहना करते हुए कहा कि अपने देश के धरोहरों को पाठ्यक्रम में शामिल करने की आवश्यकता है। भारत राष्ट्र सदियों से ज्ञान को समस्त पूरे विश्व में विस्तृत करने में अपनी भूमिका का निर्वहन करते आया है। उन्होंने युवावर्ग का आह्वान करते हुए कहा कि आपके सहयोग के बिना विकसित भारत की कल्पना नहीं की जा सकती। मंच संचालन और धन्यवाद ज्ञापन Dr जीसी बास्के ने किया। मौके पर Dr सजलेंदु घोष, Dr जेपी शर्मा , Dr आईएन साहू सहित लगभग 300 विद्यार्थियों की उपस्थिति रही। यह जानकारी पीआरओ प्रो राजेश कुमार सिंह ने दी।