रांची में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को कई ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी शुरू की, जिसने पूरे शहर में हलचल मचा दी। लालपुर, मोरहाबादी, पीपी कंपाउंड, अशोक नगर और चिरौंदी जैसे इलाकों में ईडी की टीमें सक्रिय हैं। सूत्रों के मुताबिक, यह कार्रवाई आयुष्मान भारत योजना में हुई कथित गड़बड़ियों के मामले में की जा रही है। माना जा रहा है कि एक मेडिकल कंपनी और पीपी कंपाउंड में स्थित एक इंश्योरेंस कंपनी इस जांच के केंद्र में हैं। ईडी की यह कार्रवाई उस समय शुरू हुई, जब नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की एक रिपोर्ट में झारखंड में इस योजना के दुरुपयोग का खुलासा हुआ था।
सीएजी की रिपोर्ट, जो संसद में पेश की गई थी, ने आयुष्मान भारत योजना में गंभीर अनियमितताओं को उजागर किया। इसमें मृत व्यक्तियों के नाम पर इलाज दिखाने जैसे चौंकाने वाले तथ्य सामने आए थे। रिपोर्ट के आधार पर ईडी ने एक स्वतः संज्ञान लिया और इसीआईआर दर्ज की। इसके बाद, ईडी ने झारखंड स्वास्थ्य विभाग और झारखंड स्टेट हेल्थ सोसायटी से इस मामले में कार्रवाई की जानकारी मांगी। जवाब में स्वास्थ्य विभाग ने कुछ अस्पतालों के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकियों की सूची ईडी को सौंपी, जिसके बाद यह छापेमारी शुरू हुई। यह मामला न केवल प्रशासनिक विफलता को दर्शाता है, बल्कि गरीबों के लिए बनाई गई इस महत्वाकांक्षी योजना के दुरुपयोग को भी उजागर करता है।
ईडी की यह कार्रवाई झारखंड में स्वास्थ्य सेवाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार पर एक बड़ा प्रहार हो सकती है। छापेमारी के दौरान मेडिकल और इंश्योरेंस कंपनियों के दस्तावेजों की गहन जांच की जा रही है। सूत्रों का कहना है कि इस स्कैम में बड़े पैमाने पर सरकारी धन का गबन किया गया हो सकता है। ईडी अब उन सभी संदिग्धों की पहचान करने में जुटी है, जिन्होंने इस योजना का दुरुपयोग किया। आने वाले दिनों में इस जांच से कई बड़े खुलासे होने की संभावना है, जो न केवल झारखंड बल्कि पूरे देश में स्वास्थ्य योजनाओं के संचालन पर सवाल खड़े कर सकती है।