विधायक सरयू ने ईडी की कार्रवाई और जांच के बहाने एक बार फिर एसीबी की कार्यशैली पर सवाल उठाए, उन्होंने कहा कि ईडी की जांच की सीमा होती है वो एफआईआर के आधार पर केस को टेकओवर करती है. जांच पर सवाल उठाए, उन्होंने कहा की बाकी सारी जांच एसीबी करती है. लेकिन वो सुस्त है, जांच के नाम पर खानापूर्ति होती है. और अगर जांच पूरी भी कर ले तो फिर कार्रवाई नहीं कि जाती. उन्होंने कहा की उन्हे कई मामलों को लेकर जानकारी है की एसीबी ने जांच पूरी कर ली है लेकिन एसीबी के मुख्य पदाधिकारी या सरकार से ढिलाई बरती जाती है और मामले को महाधिवक्ता के पास भेज दिया जाता है. सरयू ने उन्हें लगता है की इसमें राजनीतिक मोलभाव का भी प्रभाव लगता है, एक दूसरे को राहत देने की नीति हावी रहती है.
सरयू की शिकायत पर हो रही रघुवर कार्यकाल की जांच
बता दें की सरयू राय ने रघुवर सरकार कार्यकाल के दौरान, मेनहर्ट घोटाला, टॉफी-टीशर्ट घोटाला को लेकर आरोप लगाए थे. जिसके जांच एजेंसी कर रही है, और इसकी रिपोर्ट और कार्रवाई में देरी को लेकर सरयू नाराज हैं. पिछले सत्र के दौरान भी सदन में सरयू ने मामले को उठाते हुए पूछा था की कार्रवाई कब तक होगी, जिसके जवाब संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा था कि सरकार मेनहर्ट घोटाले के आरोपितों से जवाब लेकर दो माह के भीतर कार्रवाई सुनिश्चित करेगी.
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