26 वर्षीय चार्टर्ड अकाउंटेंट एना सेबेस्टियन पेरायल की मौत के बाद, EY पर आरोप है कि वे कर्मचारियों को चुप कराने की कोशिश कर रहे हैं। एना, जो EY के पुणे कार्यालय में काम करती थीं, अत्यधिक कार्यभार और तनाव के कारण अपनी जान गंवा बैठीं। इस घटना के बाद, कंपनी के कर्मचारियों ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रियाएं व्यक्त कीं, लेकिन उन्हें वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा धमकाया गया और टिप्पणियाँ हटाने के लिए मजबूर किया गया। इस घटना ने कार्यस्थल की संस्कृति और विषाक्तता पर एक नई बहस छेड़ दी है।
कंपनी के चेयरमैन राजीव मेमानी ने इस मामले पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि वे एना की मौत से बहुत दुखी हैं और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी हमेशा अपने कर्मचारियों की भलाई को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। दूसरी ओर, पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और कार्यस्थल पर अत्यधिक कार्यभार और तनाव के आरोपों की जांच कर रही है। पुलिस का कहना है कि वे सभी संबंधित पक्षों से पूछताछ करेंगे और सच्चाई का पता लगाएंगे।
जनता और कर्मचारियों की प्रतिक्रिया भी इस घटना पर मिली-जुली रही है। कुछ लोग कंपनी की कार्यसंस्कृति पर सवाल उठा रहे हैं, जबकि अन्य लोग कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा के लिए कड़े कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। इस घटना ने कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य और कार्यभार प्रबंधन के महत्व को एक बार फिर से उजागर किया है। आने वाले समय में, उम्मीद की जा रही है कि कंपनियाँ अपने कर्मचारियों के लिए बेहतर कार्यस्थल वातावरण बनाने के लिए ठोस कदम उठाएंगी।










