रांची. 22 वर्षों में झारखंड की तस्वीर और तकदीर नहीं बदली। ना ही कोई आमूलचूल परिवर्तन हुआ है। इन 22 वर्षों में 11 बार सरकारें बनी और इन्हीं 22 वर्षों में 3 बार राज्य ने राष्ट्रपति शासन भी देखा। ऐसे में वर्तमान में जो झारखंड की स्थिति है, जिसमें भ्रष्टाचार को लेकर ED, सीबीआई की जांच चल रही है, कई PIL केस भी चल रहा है। ऐसे में जब तक वर्तमान हेमन्त सोरेन सत्ता में रहेंगे वे जांच को प्रभावित कर सकते हैं, ऐसे में मेरी ओर से मांग है कि राज्य में अविलंब राष्ट्रपति शासन लगना चाहिये। झारखंड में मौजूद अराजकता और भ्रष्टाचार को देखते हुए तत्काल राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए। राज्य की विधि व्यवस्था पूरी तरह बिगड़ चुकी है हर और भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार है राष्ट्रपति ऐसे में राष्ट्रपति शासन के अलावा कोई और विकल्प नहीं है। ये कहना है पूर्व विधायक सूर्य सिंह बेसरा का, जो आज पुराने विधानसभा स्थित अतिथि शाला में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कही।
साथ ही कहा कि झारखंड में विधायकों को प्रत्येक साल 5 करोड़ रुपए के विधायक फंड की राशि आवंटित होती है। इस निधि में भारी गड़बड़ी हो रही है। एक विधायक जब 5 साल के लिए चुनकर आता है तो उसे 5 सालों में ₹25 लाख की विधायक निधि की राशि आवंटित होती है, लेकिन 25 करोड़ की राशि से झारखंड के गांव का कायाकल्प ना होकर विधायकों का कायाकल्प हुआ है। उन्होंने कहा कि झारखंड में कुल 81 विधायक हैं और प्रत्येक विधायक को 25-25 करोड़ रुपए की राशि 5 सालों के लिए दी जाती है, लेकिन इस सर आज इतनी बड़ी राशि का कोई ऑडिट नहीं होता है। कोई जांच नहीं होती है। मेरी मांग है कि विधायक निधि में आवंटित हुई राशि क्या ऑडिट व जांच हो और जितने भी विधायक हैं 5 सालों के अंदर उन्होंने कितना आए ग्रहण किया है, इसकी भी जांच होनी चाहिए।
साथ ही उन्होंने कहा कि झारखंड में परिवारवाद की राजनीति इस कदर हावी है कि झारखंड इससे पूरी तरह बर्बाद हो गया है। किसी विधायक की विधायक की जाती है तो कभी उसकी पत्नी विधायक बन जाती है तो कभी उसके बेटी विधायक बन जाती है तो कभी उसका पति विधायक बनने के लिए खड़ा हो जाता है। शिबू सोरेन की ही फैमिली को देख लीजिए बहू सीताशरण विधायक बेटा बसंत सोरेन विधायक यही उस परिवार का लगभग हर एक सदस्य राज्यसभा या लोकसभा या विधानसभा पहुंच ही गया है।
साथ ही उन्होंने कहा कि अभी कैबिनेट का एक निर्णय हुआ, जिसमें झारखंड में दुर्गा सोरेन के नाम पर विश्वविद्यालय का अप्रूवल दिया गया। बताइए दुर्गा सोरेन क्या आंदोलनकारी था। दुर्गा सोरेन शिबू सोरेन का बेटा हो सकते हैं, मुख्यमंत्री का भाई हो सकता है। दुर्गा सोरेन कोई आंदोलनकारी नहीं था। इसको लेकर प्रतिकार होना चाहिए दुर्गा सोरेन कोई शहीद नहीं था, जो आंदोलन करते हुए शहीद हुआ या बॉर्डर पर शहीद हुआ झारखंड आंदोलन में कई लोगों ने कुर्बानी दी। उसके नाम पर भी विश्वविद्यालय के नाम हो सकता है। इसके अलावा भी झारखंड में कई और लोग हुए हैं, जिन्होंने झारखंड के लिए कुर्बानी दी है। इसलिए इस परिवारवाद की राजनीति से छुटकारा पाने के लिए राज्य में एकमात्र विकल्प है। राज्य में राष्ट्रपति शासन लगना चाहिए।
साथ ही कहा कि झारखंड में तीसरे मोर्चें को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गयी है और वे इसको लेकर जयराम महतो व लोबिन हेम्ब्रम से करेंगे। जून तक तीसरे मोर्चे का आकार दें देंगे।