झारखंड की राजधानी रांची से सटे इटकी और आसपास के इलाकों में इन दिनों गजराज का राज चल रहा है. दो दिनों ने अंदर जंगली हाथी ने इटकी और लहरदगा में 9 लोगों की जान ले ली है. मंगलवार को हाथी ने इटकी के गड़गांव और चचगुरा में 4 लोगों को रौंद डाला. इनमें से तीन की जान सुबह-सुबह उस वक्त हाथी ने ली जब ये शौच के लिये जंगल-खेतों की तरफ गए थे. यूं तो रांची के जिले का इटकी प्रखंड जून 2017 में ही ओडीएफ यानि खुले में शौच मुक्त घोषित हो चुका है. बड़े तामझाम के साथ उस समय जिले के तत्कालीन उपायुक्त ने इसकी घोषणा की थी. लेकिन इस ओडीएफ प्रखंड में भी लोग शौच के लिये घरों से बाहर जाना ही पंसद करते हैं. और जंगली इलाके या उसके आसपास के लोग अक्सर जंगली जानवरों के हमले झेलते हैं. जिसमें भालू, लकड़बग्घा, बंदर और हाथी शामिल है.
ओडीएफ प्रखंड, तो बाहर में शौच क्यों ?
सवाल उठता है कि जब ये ओडीएफ इलाका है, हर घर में शौचालय का सरकारी आंकड़ा है, तो फिर लोग क्यों इसके लिये बाहर जाते हैं. जब हमने जमीनी तहकीकात किया तो पता चला, कि कुछ घरों में अभी भी शौचालय नहीं बने हैं, वहीं ज्यादार लोगों में जागरुकता की कमी है, घर में शौचालय होते हुए भी ये बाहर जाते हैं.
झुंड से बिछड़ा है एक हाथी
ताजा मामले में भी घर से बाहर शौच के लिये जाना इनके लिये महंगा पड़ा, आसपास के लोगों के मुताबिक तीन हाथियों के झुंड ने इलाके में प्रवेश किया, दो आगे निकल गए और एक छोटा कद का हाथी यहीं भटक रहा है, झाड़ियों के पीछे रहने की वजह से नजर में नहीं आता है, और आसपास आने वाले लोगों पर हमले कर रहा है.
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