श्री मिथिलेश कुमार ठाकुर, माननीय मंत्री पेयजल एवं स्वच्छता विभाग,झारखंड सरकार ने आज विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर समाहरणालय सभागार में “अबुआ बीर अबुआ दिशोम” वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत सामुदायिक वन पट्टा का वितरण किया गया। इससे पूर्व माननीय मंत्री ने भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलन एवं माल्यार्पण किया।
माननीय मंत्री ने इस मौके पर कहा कि वन अधिकार अधिनियम 2006 अंतर्गत परंपरागत रूप से वनों पर आश्रित रहने वाले अनुसूचित जनजाति तथा अन्य समुदाय के लोगों के जीवन यापन तथा दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए वन भूमि पर साग सब्जी, तेंदूपत्ता, सेरोई, सुखी लकड़ियां, मछली, लघु वन उपज के संग्रहण के साथ-साथ खेल का मैदान, शमशान, कब्रिस्तान, सरना अथवा पूजा स्थल इत्यादि के अति अनिवार्य आवश्यकता को विधिक मान्यता प्रदान करने हेतु झारखंड सरकार के द्वारा “अबुआ बीर अबुआ दिशोम” अभियान की शुरुआत पिछले वर्ष नवंबर 2023 में की गई थी। इसी अभियान के क्रम में पुनः वर्ष 2024 में पूरे झारखंड राज्य में वन पर परंपरागत रूप से निर्भर अनुसूचित जनजाति एवं अन्य समुदायों को उनके हक और अधिकार को मान्यता प्रदान करने के उद्देश्य से पूरे राज्य के सभी 24 जिलों में प्रथम चरण में अधिक से अधिक संख्या में सामुदायिक वन अधिकार पट्टा को वितरित करने का आदेश माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन जी के द्वारा दिया गया था।
वन अधिकार अधिनियम के तहत गढ़वा जिले में वर्ष 2009 से दिसंबर 2023 तक 1224 व्यक्तिगत पट्टा एवं 320 सामुदायिक वन अधिकार पट्टा का वितरण किया गया था, जिसका कुल रकवा 18286.21 एकड़ था। माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन जी के आदेश के अनुपालन में केवल वर्तमान वर्ष 2024-25 में आज 9 अगस्त 2024 को विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर कुल 51 सामुदायिक वन अधिकार पट्टा का वितरण किया गया है, जिसका कुल रकवा 39,000 एकड़ से अधिक है। वनों पर परंपरागत रूप से आश्रित रहने वाले अनुसूचित जनजाति तथा अन्य समुदायों के लिए उनके वनअधिकार को मान्यता देने करने के लिए यह अभी तक का सबसे बड़ा कदम है, जिसमें गढ़वा जिले ने पूरे राज्य में प्रथम स्थान हासिल किया है।
मौके पर उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, उप विकास आयुक्त, डीएफओ दक्षिणी, कल्याण पदाधिकारी सहित विभिन्न क्षेत्रों से आये लाभुक एवं कार्यालय कर्मी उपस्थित थे।