झारखंड सरकार कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग अंतर्गत झारखंड राज्य फसल राहत योजना खरीफ मौसम 2023 के तहत आज बंधन मैरिज हॉल गढ़वा स्थित सभागार में उपायुक्त शेखर जमुआर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य रूप से विभिन्न पैक्स के अध्यक्ष, एफपीओ एवं जेएसएलपीएस के कर्मी गण उपस्थित थें। उक्त कार्यशाला में प्रेजेंटेशन के माध्यम से उपस्थित सभी लोगों को योजना के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया।
उपायुक्त श्री जमुआर द्वारा योजना के प्रमुख प्रावधान के रूप में बताया गया की योजना अंतर्गत लाभ केवल प्राकृतिक आपदा से होने वाले फसल क्षति के मामले में लागू होगा, योजना का लाभ लेने के लिए प्रत्येक फसल मौसम (खरीफ एवं रबी) में अलग-अलग निबंधन एवं आवेदन करना होगा, योजना में भाग लेने के लिए कोई प्रीमियम नहीं देना होगा, प्राकृतिक आपदा से हुए फसल क्षति का आकलन एवं निर्धारण क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट के द्वारा किया जाएगा। 30% से 50% तक फसल क्षति होने पर आवेदक को प्रति एकड़ ₹3000 की सहायता राशि दी जाएगी एवं 50% से अधिक फसल क्षति होने पर आवेदक को प्रति एकड़ ₹4000 की सहायता राशि दी जाएगी। अधिकतम तीन एकड़ तक फसल क्षति सहायता राशि दी जाएगी।
योजना के अंतर्गत आवेदन करने की पात्रता के संबंध में बताया गया कि सभी रैयत एवं बटाईदार किसान होना आवश्यक है। किसान झारखंड राज्य के निवासी हो, आवेदक की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए, आवेदक किसान का वैध आधार संख्या होना चाहिए एवं कृषि कार्य करने से संबंधित वैध भूमि दस्तावेज, भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र अथवा राजस्व रसीद/राजस्व विभाग से निर्गत बंदोबस्ती पट्टा बटाईदार किसानों द्वारा भू-स्वामी से सहमति पत्र होना आवश्यक है। मौके पर उपस्थित जिला कृषि पदाधिकारी एवं सहकारिता पदाधिकारी द्वारा जानकारी दी गई की योजना में शामिल होने के लिए आवेदक स्वयं या कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से अपना पंजीकरण करा सकते हैं।
इसके लिए आवेदक किसान https://Jrfry.jharkhand.gov.in पर अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। ऑनलाइन पंजीकरण एवं आवेदन के लिए आवश्यक सूचना एवं दस्तावेज के संबंध में बताया गया कि आवेदक का आधार संख्या, मोबाइल संख्या, आधार सम्बद्ध बैंक खाता विवरण होना आवश्यक है। साथ ही भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र अथवा राजस्व रसीद, वंशावली, सरकारी भूमि पर खेती करने हेतु राजस्व विभाग से निर्गत बंदोबस्ती पट्टा, घोषणा पत्र, सहमति पत्र एवं पंजीकृत किसानों के चयनित फसल एवं बुवाई के रकबा का पूर्ण विवरण होना आवश्यक है। कार्यशाला में उपस्थित लोगों द्वारा इस संबंध में कुछ आवश्यक सलाह एवं शिकायतों के बारे में भी पूछा गया एवं उसमें संभावित आवश्यक सुधार करने पर विचार विमर्श किये गए।