अपने खतियानी जोहार यात्रा के तहत सीएम हेमंत सोरेन का काफिला लातेहार पहुंचा. जहां सीएम हेमंत ने जिले को कई सौगातें दी, योजनाओं की समीक्षा की, उनका हाल जाना, परिसंपत्तियों का वितरण किया. एक जनसभा को संबोधित करने हुए उन्होंने बीजेपी पर जमकर भड़ास निकाली.
‘सरकार गिरा नहीं सकते, तो खरीद लो’
सीएम ने कहा विपक्ष को राज्य सरकार के कामों से दर्द हो रहा है. सरकार को अस्थिर करने के लिये हर तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं. खुद केंद्रीय मंत्री आकर कहते हैं कि यहां की सरकार को गिराने का प्रस्ताव आता है. लेकिन लोकतंत्र में चुनी हुई सरकार को गिराया नहीं जा सकता है, हां बीजेपी के हथियार से खरीदा जा सकता है. मुख्यमंत्री ने कहा की सत्ता संभालते ही कोरोना जैसी नई महामारी आ गई, सबकुछ नया था, ना कोई जानकारी, ना संसाधान. इस बीच देश में लॉकडाउन लगा दिया गया, हमारे लाखों लोग दूसरे प्रदेश-देश में फंस गए, हर तरफ हाहाकार मचा था. लोग घरों में और मजदूर- मजबूर सड़कों पर दिखते थे. लेकिन ऐसी आपदा की घड़ी में भी झारखंड सरकार ने सबका ख्याल रखा, अपने लोगों को हवाई जहाज तक से लाया गया.
‘डबल इंजन’ सरकार पर वार
डबल इंजन की सरकार ने 11 लाख लोगों का राशन कार्ड सस्पेंड कर दिया था, हमारी सरकार बनी तो हमने 20 लाख नए लोगों को पीडीएस से जोड़ा. जहां बीस साल तक अधिकारी नहीं पहुंचे, उन जगहों पर हमने अधिकारियों को लोगों की समस्याओं के निदान के लिये भेजा. योजनाएं अब कागज में नहीं धरातल पर उतर रही हैं.
इंग्लिश मीडियम में पढ़ेंगे हमारे बच्चे
मुख्यमंत्री ने कहा की प्राइवेट स्कूल के तर्ज पर सरकार अंग्रेजी माध्यम के स्कूल खोल रही है. शिक्षकों को आईआईएम जैसी संस्थाओं में ट्रेनिंग दिलाई जा रही है. अब हमारे बच्चों को निजी स्कूलों में एडमिशन के लिये मारामारी और पैसे नहीं खर्च करने पड़ेंगे.
‘छत्तीसगढ़ी सीएम ने ही पूरा किया कार्यकाल’
हेमंत सोरेन ने कहा की राज्यगठन के बाद पहला सीएम एक झारखंडी बना, दूसरा सीएम भी एक आदिवासी झारखंडी ही था, लेकिन दोनों अपना 5 वर्ष का कार्यकाल पूरा नहीं कर सके. सूबे में 5 साल सरकार किसने चलाई ‘एक छत्तीसगढ़ी व्यक्ति’ ने. आदिवासी की बात करने वाले इन लोगों को आदिवासी-मूलवासियों से परेशानी है. यही वजह है कि हमारी 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति में अड़चने डाली जा रही हैं.
बिना नाम लिये अडानी पर निशाना
हेमंत सोरेन बिना नाम लिये अडानी के बहाने बीजेपी को घेरने की कोशिश की और कहा की एक बड़ा व्यापारी बैंकों के हजारों करोड़ रुपये डुबा रहा है, वो कब किस देश मे भाग जाए किसी को पता नहीं, लेकिन बीजेपी उसपर नजर नहीं रख गरीब जनता के लिये चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं को रेवड़ी बताते हैं. रेवड़ी नहीं ये जनता के पैसों से जनता का हक है और हम इसे दे रहे हैं.
बता दें कि खतियानी जोहार यात्रा के तीसरे चरण का ये अंतिम पड़ाव था. फरवरी-मार्च में बजट सत्र की वजह से अब अप्रैल में इसका चौथा चरण आयोजित होगा.