Iran Anti-Hijab Protests : ईरान में बीते साल महसा अमीनी की मौत के बाद हिजाब विरोधी प्रदर्शनों (Anti-Hijab Protests) का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है तो वहीं इस देश की सरकार भी लोगों की आवाज को दबाने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है।
अब वहां के न्यायपालिका प्रमुख गोलेमहोसिन मोहसेनी एजे ने औरतों और लड़कियों के लिए एक नया फरमान सुनाया है। उन्होंने कहा, “खुले सिर रहना (हमारे) मूल्यों के साथ दुश्मनी के समान है।” उन्होंने कहा कि हिजाब न पहनने वाली औरतों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने में कोई रियायत नहीं बरती जाएगी।
न्यायपालिका प्रमुख गोलेमहोसिन मोहसेनी एजे ने दी धमकी
उन्होंने कहा है कि जितना अधिक महिलाएं ईरान में अनिवार्य ड्रेस कोड की को नहीं मानेंगी उन पर सख्त कानूनी की जाएगी। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने ईरानी मीडिया के हवाले से लिखा है कि न्यायपालिका प्रमुख गोलेमहोसिन मोहसेनी एजे ने धमकी दी है कि जो औरतें मुल्क में बगैर हिजाब के सार्वजनिक जगहों पर दिखाई देंगी उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। उनके खिलाफ बगैर किस रहम के मुकदमा चलाया जाएगा।
न्यायपालिका प्रमुख ने क्या कहा?
गोलेमहोसिन मोहसेनी एजे ने कहा, “ खुले सिर रहना (हमारे) मूल्यों के साथ दुश्मनी करने जैसा है। उन्होंने कहा, “इस तरह के घिनौने काम करने वालों को सजा दी जाएगी और सजा के बारे में पूरी जानकारी दिए बगैर दया के मुकदमा चलाया जाएगा।” ईरान के न्यायपालिका प्रमुख ने कहा, “कानून प्रवर्तन अधिकारी धार्मिक कानूनों के खिलाफ सार्वजनिक और न्यायिक दायरे में होने वाले अपराधों पर सख्त कार्रवाई करने के लिए बाध्य है।
उनकी ये चेतावनी ईरान के आंतरिक मंत्रालय के अनिवार्य सरकारी हिजाब कानून को लागू करने के बाद आई है। आंतरिक मंत्रालय के बयान में कहा गया है, “हिजाब “ईरानी राष्ट्र की सभ्यता की नींवों में से एक है” और “इस्लामी गणराज्य के व्यावहारिक सिद्धांतों में से एक है।” इस मुद्दे पर पीछे हटने या सहिष्णुता बरतने की कोई गुंजाइश पैदा नहीं होती है।
ईरान में नहीं थम रहा हिजाब विरोधी प्रदर्शन
दरअसल पिछले साल सितंबर से, कई ईरानी महिलाओं ने सार्वजनिक रूप से हिजाब नहीं पहनने का विकल्प चुना है। बीते साल हिजाब से जुड़े नियमों को न मानने पर 22 साल की महसा अमीनी की नैतिकता पुलिस की हिरासत में हुई मौत के बाद से ही ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शनों का दौर थम नहीं रहा है। अमीनी की मौत के बाद वहां महिलाएं बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों में सड़कों पर उतर आईं।