जापान में बुजुर्गों की संख्या ने एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया है, जो 36.25 मिलियन तक पहुंच गई है। यह संख्या देश की कुल जनसंख्या का 29.3% है, जो दुनिया में सबसे अधिक है। इस वृद्धि के कारण जापान को स्वास्थ्य और कल्याण खर्चों में भारी वृद्धि का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ ही, श्रम शक्ति में कमी भी एक बड़ी चुनौती बन गई है। सरकार के आंकड़ों के अनुसार, 2023 में 9.14 मिलियन बुजुर्ग लोग कार्यरत थे, जो कुल कार्यबल का 13.5% है। यह लगातार 20वें वर्ष है जब बुजुर्गों की कार्यरत संख्या में वृद्धि हुई है। जापान के आंतरिक मामलों और संचार मंत्रालय के अनुसार, बुजुर्ग महिलाओं की संख्या 20.53 मिलियन है, जो कुल महिला जनसंख्या का 32.3% है, जबकि बुजुर्ग पुरुषों की संख्या 15.72 मिलियन है, जो कुल पुरुष जनसंख्या का 26.1% है। 75 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों की संख्या 20.76 मिलियन है, जो कुल जनसंख्या का 16.8% है। इस वृद्धि के कारण जापान को “2025 समस्या” का सामना करना पड़ सकता है, जब चिकित्सा और दीर्घकालिक देखभाल सेवाएं इस वृद्ध होती जनसंख्या की आवश्यकताओं को पूरा करने में असमर्थ हो सकती हैं।
सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, लेकिन अभी तक कोई महत्वपूर्ण प्रगति नहीं हुई है। प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने कहा है कि सरकार बुजुर्गों की देखभाल के लिए नए उपायों पर विचार कर रही है, जिसमें स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार और बुजुर्गों के लिए विशेष आवास योजनाएं शामिल हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि जापान को अपनी जनसंख्या नीति में बड़े बदलाव करने की आवश्यकता है ताकि इस चुनौती का सामना किया जा सके। जनता की प्रतिक्रिया भी मिली-जुली रही है; कुछ लोग इस वृद्धि को देश के लिए एक बड़ी चुनौती मानते हैं, जबकि अन्य इसे बुजुर्गों के प्रति सम्मान और देखभाल के रूप में देखते हैं। सरकार का मानना है कि इस समस्या के लिए मुख्य रूप से निम्न जन्म दर और उच्च जीवन प्रत्याशा जिम्मेदार हैं। जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं में इस मुद्दे को लेकर उत्साह और उमंग की लहर है। लोग प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश के विकास और सुधार की उम्मीद कर रहे हैं। आलोचकों का मानना है कि सरकार को इस समस्या से निपटने के लिए और अधिक ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।