झारखंड में ऊर्जा विभाग से 100 करोड़ रुपये से अधिक की फर्जी निकासी का मामला सामने आया है। यह मामला 18 अक्टूबर 2024 को तब उजागर हुआ जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस संबंध में ECIR दर्ज की। इस घोटाले में कई उच्च अधिकारियों और कर्मचारियों की संलिप्तता की आशंका जताई जा रही है। ईडी ने इस मामले की जांच के लिए कई दस्तावेज और सबूत जब्त किए हैं और विस्तृत जांच शुरू की है ।
सरकार इस मामले को लेकर काफी गंभीर है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि इस घोटाले में शामिल सभी दोषियों को सख्त सजा दी जाएगी। उन्होंने सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति का उल्लेख किया और इस मामले की तेजी से जांच कराने का आदेश दिया है। इस मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है जो ईडी के साथ मिलकर काम करेगी ।
इस घोटाले के खुलासे के बाद जनता में भी भारी आक्रोश है। लोग इस घोटाले को लेकर सरकार और प्रशासन पर सवाल उठा रहे हैं। जनता का कहना है कि इस घोटाले में शामिल सभी दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए और उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाए। जनता की इस प्रतिक्रिया को देखते हुए सरकार ने आश्वासन दिया है कि इस मामले की निष्पक्ष और तेजी से जांच की जाएगी। इससे राज्य की छवि को सुधारने के प्रयास किए जाएंगे ।










