रांची : लेफ्टिनेंट जनरल शशांक शेखर मिश्रा को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के द्वारा परम विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया गया है। लेफ्टिनेंट जनरल शशांक शेखर मिश्रा वर्तमान में सशस्त्र बल न्यायाधिकरण कोलकाता बेंच के (प्रशासनिक) स्थायी सदस्य के रूप में कार्यरत हैं। वे मूलतः बिहार के बक्सर जिला के ग्राम नाट के रहने वाले हैं। उनके पिता का नाम स्व. डॉ. विजय कुमार मिश्रा है। लेफ्टिनेंट जनरल शशांक शेखर मिश्रा का झारखंड से गहरा नाता है। उनकी पूरी पढ़ाई-लिखाई झारखंड में ही हुई है। इनके पिता हजारीबाग में वेटनरी डॉक्टर पदस्थापित थे। धनबाद के कतरास में उनकी ससुराल है। लेफ्टिनेंट जनरल शशांक शेखर मिश्रा को परम विशिष्ट सेवा मेडल मिलने पर कतरास में उल्लास का माहौल है। लोगों में खुशी की लहर दौर गई।
रानी बाजार स्थित पीएचसी जोगता के स्वास्थ्य पर्यवेक्षक नीरज तिवार के बहनोई व डीएवी प्लस दो विद्यालय के दिवंगत शिक्षक महेंद्र कुमार तिवारी के दमाद हैं।
बता दें के लेफ्टिनेंट जनरल शशांक शेखर मिश्रा को वर्ष 2009 में पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा देवी पाटिल से भी विशिष्ट सेवा पदक मिल चुका है। राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी अति विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया था। वह सैनिक स्कूल तिलैया के छात्रा थे।
पिछले साल हुए सेवानिवृत्त
लेफ्टिनेंट जनरल शशांक शेखर मिश्रा ने सेना में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर 39 वर्षों की शानदार सेवा के बाद पिछले साल जुलाई में क्वार्टर मास्टर जनरल (क्यूएमजी) के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। महत्वपूर्ण क्यूएमजी के पद पर वे दो साल रहे, जिसके जिम्मे में मुख्यतः सेना में लॉजिस्टिक्स व रक्षा भूमि का प्रबंधन है।
तिलैया के सैनिक स्कूल से पूरी की पढ़ाई
लेफ्टिनेंट जनरल मिश्रा ने अपनी पढ़ाई सैनिक स्कूल तिलैया से पूर्ण की। तत्पश्चात उनका चयन जुलाई 1979 में एन डी ए, खड़गवासला के लिए हुआ। आइ एम ए, देहरादून से सैन्य ट्रेनिंग पूरा करने के बाद उन्होंने जून 1983 में कुमाऊं रेजिमेंट की 17वीं बटालियन में कमीशन प्राप्त किया था। उनके नेतृत्व में उनकी बटालियन पंजाब में पाकिस्तान से लगती सीमा पर श्ऑपरेशन पराक्रमश् का हिस्सा रहने से लेकर अरुणाचल प्रदेश में चीन सीमा पर भी तैनात रही है। उन्होंने इनफेन्ट्री ब्रिगेड, माउन्टेन डिविजन व माउन्टेन स्ट्राइक कोर की कमान में प्रशंसनीय कार्य किया। नैशनल सिक्योरिटी गार्ड के आइजी ऑप्स के कार्यकाल के पश्चात उन्हें पदोन्नती पर डायरेक्टर जनरल इनफेन्ट्री नियुक्त किया गया। असाधारण व श्रेष्ठ कार्य के लिए ये सेना के प्रतिष्ठित अति विशिष्ट सेवा मेडल और विशिष्ट सेवा मेडल से भी अलंकृत किये जा चुके हैं।
कई जगहों पर पूर्व सैनिकों के लिए सीएसडी कैन्टीन की सुविधा की बहाल
लेफ्टिनेंट जनरल शशांक शेखर मिश्रा ने पूर्व सैनिकों व उनके परिजनों के हित को सदा सर्वाेपरि समझा है। उनके अथक प्रयासों के परिणामस्वरूप कई जगहों पर पूर्व सैनिकों के लिए सीएसडी कैन्टीन की सुविधा बहाल हुई।