रांची. झारखंड शराब व्यापारी संघ ने झारखंड सरकार के राजस्व परिषद को शराब नीति को लेकर एक पत्र लिख है। इस पत्र में शराब व्यापारी संघ ने कहा है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में खुदरा शराब दुकान की बंदोबस्ती द्वारा निजी हाथों में दिया जाए। झारखंड शराब व्यापरी संघ वित्तीय वर्ष 2023-24 में 3500 करोड़ रुपये राजस्व देने के लिए तैयार है। यह पत्र झारखंड शराब व्यापारी संघ के अध्यक्ष अचिंत्य कुमार शॉ के नाम से लिखा गया है।
पत्र में कहा गया है कि राज्य की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए राज्य हित में राजस्व की कैसे बढ़ोतरी हो, राजस्व को नुकसान होने से बचाया जाए, राज्य के शराब व्यापारी के साथ विचार विमर्श कर आगामी वित्तीय वर्ष के लिए शराब नीति में बदलाव कर झारखंड राज्य के व्यापारियों और राज्य के विकास के हित में बदलाव करने की मांग की है। शराब व्यापार संघ ने बताया है कि शराब के व्यापार से 3500 करोड़ राजस्व पाने के लिए विभाग के संघ द्वारा प्रस्तावित मुख्यतः छह बिंदुओं पर विचार करना होगा।
- शराब के विनिर्माता द्वारा पूर्व की भांति 19C अनुज्ञप्ति पद्धति से राज्य के अंदर थोक विक्रेताओं को आपूर्ति करने की व्यवस्था को पूर्ण स्थापित करना।
- वैट 75 प्रतिश को कम कर 50 प्रतिशत हो या संपूर्ण वैट को उत्पाद कर समायोजित कर दिया जाए। तदानुसार उत्पाद कर की दर को वृद्धि किया जाए।
- शराब की बिक्री दर (एमआरपी) पड़ोसी राज्य से जैसे पश्चिम बंगाल से अधिक नहीं हो, ताकि शराब का चोर व्यापार रूक सके।
- खुदरा दुकानों की बंदोबस्ती विसर्प मान पद्धित के तहत हो या ब्लॉक पीरियड कम से कम पांच साल का हो।
- पांच प्रतिशत पेनाल्टी को घटाकर एक से दो प्रतिशत किया जाए।
- राज्य से बाहर से आयातित शराब गैर डिसलरी अनुज्ञप्तिधारी शराब आपूर्ति की अनुज्ञप्ति नहीं दिया जाए।
पत्र में आगे कहा गया है कि विभागीय पदाधिकारी से उचित सलाह विचार एवं 2022-23 की वर्तमान स्थिति को समीक्षा करते हुए राज्य हित या व्यापार हित में वित्तीय वर्ष 2023-24 में शराब नीति में संशोधन कर बंदोबस्ती की तैयारी की जाए, अब मात्र 29 दिन रह गया है।
शराब व्यापार संघ ने बताया कि पिछले वर्ष 2020-21 में कोविड जैसा महामारी को झेलते हुए भी बिना किसी राहत के राज्य शराब व्यापारी ने 1800 करोड़ शुद्ध राजस्व उत्पाद विभाग को दिया था। अभी वर्तमान में 2022-23 में राज्य की सामान्य स्थिति होने के बावजूद लक्ष्य से बहुत कम राजस्व प्राप्त हुआ है। उसमें भी विभाग की देनदारी भी रह जाती है। मई 2022 से 31 दिसंबर 2022 तक ट्रेजरी ऑफिसर भवन के अनुसार 12251773819 रुपये राजस्व विभाग को प्राप्त हुआ है।