केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में एक बड़ा बयान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री बनने के कई प्रस्ताव ठुकराए हैं। 26 सितंबर 2024 को एक सार्वजनिक कार्यक्रम में बोलते हुए गडकरी ने कहा कि उनकी विचारधारा उनके लिए सर्वोपरि है और वे इससे कभी समझौता नहीं करेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य प्रधानमंत्री बनना नहीं है, बल्कि अपनी विचारधारा के साथ जीना है। गडकरी के इस बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है और उनके समर्थकों ने उनकी ईमानदारी और सिद्धांतों की सराहना की है।
सरकार ने गडकरी के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह उनकी व्यक्तिगत विचारधारा और सिद्धांतों का मामला है। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने भी गडकरी के इस निर्णय का सम्मान किया है और कहा है कि पार्टी में हर किसी को अपनी विचारधारा के साथ जीने का अधिकार है। गडकरी ने यह भी कहा कि वे राजनीति में सेवा करने के लिए आए हैं, न कि किसी पद के लिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी प्राथमिकता हमेशा देश और जनता की सेवा करना है।
गडकरी के इस बयान के बाद राजनीतिक विश्लेषकों ने इसे भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ बताया है। उन्होंने कहा कि गडकरी का यह बयान उनके सिद्धांतों और विचारधारा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। जनता ने भी गडकरी के इस बयान का स्वागत किया है और इसे एक साहसिक कदम बताया है। गडकरी ने यह भी कहा कि वे हमेशा अपने सिद्धांतों के साथ खड़े रहेंगे और किसी भी परिस्थिति में उनसे समझौता नहीं करेंगे। इस बयान ने गडकरी की छवि को और मजबूत किया है और उन्हें एक सिद्धांतवादी नेता के रूप में स्थापित किया है।