हजारीबाग में एनटीपीसी के डीजीएम की हत्या की घटना ने पूरे झारखंड में सनसनी फैला दी है। डीजीपी ने इस मामले में गहरी चिंता व्यक्त की है और बताया है कि जेल में बंद अपराधी जैसे विकास तिवारी, अमन साहू और अमन श्रीवास्तव अपराध की नई रणनीति बना रहे हैं। ये अपराधी अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग कर वर्चुअल नेटवर्क के माध्यम से अपनी गतिविधियां चला रहे हैं, जिससे पुलिस के लिए उनका पता लगाना चुनौतीपूर्ण बन गया है।
डीजीपी ने बताया कि पुलिस अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए निरंतर प्रयासरत है। हालांकि, डीजीएम की हत्या के पीछे का मकसद अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और पुलिस हर संभव तरीके से इस मामले की तह तक पहुंचेगी।
यह घटना झारखंड में बढ़ते अपराधों और माफिया के जेल से चल रहे नेटवर्क की गंभीरता को दर्शाती है। प्रशासन पर यह चुनौती है कि वे न केवल अपराधियों को कानून के शिकंजे में लाएं, बल्कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए दीर्घकालिक समाधान भी सुनिश्चित करें।