छत्तीसगढ़ में कोयला घोटाले को लेकर ईडी की कांग्रेस नेताओं के ठिकानों पर छापेमारी की गई. इसे लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है. कांग्रेस के सीनियन लीडर जयराम रमेश कांग्रेस के 85वें अधिवेशन से पहले नेताओं पर हुई ईडी की छापेमारी प्रतिशोध और उत्पीड़न की राजनीति करार दिया. वहीं पवन खेड़ा ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि 2004 से लेकर 2014 के बीच यूपीए की सरकार के दौरान ईडी ने 112 बार छापेमारी की, जबकि पिछले 8 साल के दौरान 3010 बार छापेमारी की गई गई है. राजनीतिक दलों की बात करें तो इसमें 95 फीसदी छापे केवल विपक्ष के नेताओं पर पड़े हैं. उन्होंने कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले में राहुल गांधी, सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे से पूछताछ की गई. अब हमारा अधिवेशन होने वाला है तो छत्तीसगढ़ में छापेमारी शुरू हो गई. पवन खेड़ा ने ईडी को इलीमिनेटिंग डेमोक्रेसी करार दिया. जो लोकतंत्र को खत्म कर रही है.
पवन खेड़ा ने आगे बात करते हुए कहा कि 2014 से कांग्रेस के नेताओं पर 24 बार छापेमारी की गई. वहीं टीएमसी पर 19, एनसीपी पर 11, शिवसेना पर 8, डीएमके 6, आरजेडी 5, बीएसपी 5, पीडीपी 5, आईएनएलडी 3, वाईएसआरसीपी पर 2, सीपीएम पर 2, नेशनल कॉन्फ्रेंस पर 2, पीडीपी पर 2, एआईएडीएमके पर 1, एमएनस पर 1 और एसबीएसपी पर 1 बार छापेमारी की गई है.
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जयराम रमेश ने ED को बताया पीएम मोदी का हथियार
जयराम रमेश ने पीएम होदी पर हमला करते हुए कहा कि ईडी विपक्ष के खिलाफ पीएम मोदी का हथियार बन गया. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि पिछले 9 सालों में ED ने जो रेड की उसमें 95 प्रतिशक विपक्षी नेता हैं और सबसे ज्यादा कांग्रेस नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की है. यह दर्शाता है कि बीजेपी एक कायर पार्टी है.
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