पाकुड़: पाकुड़ जिले के अमड़ापाड़ा और लिट्टीपाड़ा प्रखंड के दो गांवों में डायरिया फैल गया है. अमड़ापाड़ा प्रखण्ड के बड़ा बास्को गांव में डायरिया से करीब 32 लोग बीमार हैं. तो वहीं लिट्टीपाड़ा के छोटा चटकम के पहाड़िया टोला की दो बच्चियों समेत छह लोग पीड़ित हैं. सूचना के बाद से विभाग भी पीड़ितों के इलाज में जुट गया है. विभाग की टीम इन गांवों में कैंप भी कर रही है, ताकि पीड़ितों का उचित इलाज हो सके. स्वास्थ्य कर्मियों कड़ी मेहनत कर रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग द्वारा वृहद स्तर पर मरीजों का इलाज कर उन्हें आवश्यक दवाइयां दी जा रही है. स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है. स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में ही कैम्प कर रही है, ताकि मरीजों को को बेहतर सुविधा मिल सके.
बड़ा बास्को गांव में डायरिया फैलने की सूचना पर स्वास्थ्य विभाग की टीम तत्काल गांव भेजी गयी. और मामले की गंभीरता को देखते हुए सिविल सर्जन डॉ मंटू टेकरीवाल भी बड़ा बास्को गांव पहुंचे और स्वास्थ्यकर्मियों को मरीजों के बेहतर इलाज का निर्देश दिया.बड़ा बास्को गांव में 32 लोगों की तबीयत खराब है, इसमें से 10 लोगों को बेहतर इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है.शेष का इलाज गांव में ही एक साथ खटिया पर स्लाइन लगाकर किया जा रहा है. मरीजों के बेहतर इलाज के लिए स्वास्थ्य टीम गठित की गयी है.
वहीं लिट्टीपाड़ा प्रखण्ड के छोटा चटकम गांव के पहाड़िया टोला की दोनों बच्चियों समेत सभी छह मरीजों को इलाज के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लिट्टीपाड़ा में भर्ती कराया गया है. बताया जा रहा है कि साफ पानी पीने की सुविधा नहीं होने के कारण इन दोनों गांवों के लोग झरने का पानी ही पी रहे थे. इस कारण ये लोग डायरिया की चपेट में आ गये हैं. गांववालों का कहना है कि हम लोग कुएं का पानी पीते हैं. चापाकल नहीं है. पेयजल के लिए बहुत भटकना पड़ता है. वहीं डायरिया के प्रकोप को देखते हुए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, फतेहपुर के डॉक्टर, एएनएम, एमपीडब्ल्यू समेत सभी स्वास्थ्यकर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गयी हैं.
इन गांवों में नहीं शुद्ध पेयजल की व्यवस्था
बताया जा रहा है कि साफ पानी पीने की सुविधा नहीं होने के कारण इन दोनों गांवों के लोग झरने का पानी ही पी रहे थे. इस कारण ये लोग डायरिया की चपेट में आ गये हैं. बड़ा बास्को गांव में डायरिया फैलने की सूचना पर स्वास्थ्य विभाग की टीम को तत्काल गांव भेजी गयी. वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए सिविल सर्जन डॉ मंटू टेकरीवाल भी बड़ा बास्को गांव पहुंचे और स्वास्थ्यकर्मियों को मरीजों के बेहतर इलाज का निर्देश दिया.
गांव में खटिया में खुले आसामान के नीचे चल रहा मरीजों का इलाज
प्राप्त जानकारी के अनुसार, पाकुड़ जिले के बड़ा बास्को गांव में 25 लोगों की तबीयत खराब है, इसमें से 10 लोगों को बेहतर इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है. शेष का इलाज गांव में ही एक साथ खटिया पर स्लाइन लगाकर किया जा रहा है. मरीजों के बेहतर इलाज के लिए स्वास्थ्य टीम गठित की गयी है. जिसमें डॉक्टर मोहम्मद खालिद अहमद, डॉक्टर नसीम अहमद, डॉक्टर प्रमोद कुमार, ड्रेसर इशामुद्दीन शेख, सीएचओ समय सिंह मीणा, एएनएम उषा किस्कू और एएनएम ममता सिन्हा सहित 25 कर्मियों को लगाया गया है.
सभी स्वास्थ्यकर्मियों की छुट्टियां कर दी गईं हैं रद्द
डायरिया के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, फतेहपुर के डॉक्टर, एएनएम, एमपीडब्ल्यू समेत सभी स्वास्थ्यकर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गयी हैं. वहीं छोटा चटकम गांव के पहाड़िया टोला की दोनों बच्चियों समेत सभी छह मरीजों को इलाज के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लिट्टीपाड़ा में भर्ती कराया गया है. सहिया बेदी पहाड़िन ने बताया कि गांव में शनिवार रात से डायरिया फैलना शुरू हुआ.
प्रभारी चिकित्सक डॉ मुकेश बेसरा ने कहा कि डायरिया से पीड़ित सभी मरीजों का इलाज चल रहा है, उनकी हालत में सुधार हो रहा है. गांव के लोग कुआं व झरना का पानी पीते हैं. फूड प्वाइजनिंग की वजह से डायरिया फैला है. स्वास्थ्य टीम गांव पहुंच कर लोगों की स्वास्थ्य जांच की है.
सिविल सर्जन, पाकुड़ डॉ मंटू कुमार टेकरीवाल ने कहा कि अमड़ापाड़ा के बड़ा बास्को गांव में 22 से 25 लोगों के बीमार हैं. स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंच कर जांच की. मरीजों में डायरिया से संबंधित लक्षण पाये जा रहे हैं. मरीजों का उपचार किया जा रहा है. स्थिति नियंत्रण में है. वहीं लिट्टीपाड़ा प्रखंड के एक गांव में भी डायरिया फैला है. वहां भी मरीजों का इलाज किया जा रहा है. वहां भी स्थिति नियंत्रण में है. बीमारी का मुख्य कारण झरना का पानी पीना है. ग्रामीणों से अपील की जा रही है कि झरने के पानी को उबालकर पीएं.