- पोखरीकला : जहां हथकरघे की धुन से जुड़ा लोगों का जीवन
- डीआईजी नौशाद आलम ने बुनकरों से की सीधी बातचीत, कहा- आपका हुनर ही आपकी ताकत है
- लोहर की नमाज़ अदा कर साझा किया अपनापन
बरवाडीह/मेदिनीनगर। बरवाडीह प्रखंड का पोखरीकला गांव बुधवार को खास बन गया। इस छोटे से गांव में जब डीआईजी नौशाद आलम पहुंचे तो न कोई औपचारिकता थी, न कोई दूरी। वे सीधे गांव की गलियों से होते हुए बुनकरों के घर पहुंचे और उनके चल रहे हथकरघे के पास बैठ गए।
करीने से बुनाई होती चादर और करघे की टक-टक ध्वनि ने उन्हें बरबस आकर्षित किया। उन्होंने बुनकरों के हाथ थाम कर कहा कि आपका यह हुनर केवल कपड़ा नहीं, बल्कि हमारी परंपरा और पहचान है। यह कला जीवित रहे, इसके लिए मैं आप सबके साथ हूँ।
डीआईजी ने वहां मौजूद बच्चों से भी बातचीत की और कहा कि शिक्षा के साथ-साथ अपने गांव की इस कला को भी सीखें। उन्होंने यह भी बताया कि यदि पोखरीकला को बुनकर गांव के रूप में विकसित किया जाए तो यह न सिर्फ स्थानीय लोगों के लिए रोजगार का अवसर बनेगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए गौरव का कारण भी होगा।
इस मौके पर समाजसेवी हाजी मुमताज अली ने अपने गांव के बुनकरों की कठिनाइयों से उन्हें अवगत कराया और बुनकरों द्वारा बुने शॉल से डीआईजी का सम्मान किया। शॉल ओढ़ते हुए डीआईजी ने भावुक होकर कहा-
“यह मेरे लिए सबसे अनमोल तोहफा है, क्योंकि इसमें आपके पसीने और मेहनत की खुशबू है।”
गांव में ही जब जौहर(दोपहर) की नमाज़ का वक़्त हुआ, तो डीआईजी नौशाद आलम ने ग्रामीणों के साथ सादगीपूर्ण माहौल में जामा masjid mein नमाज़ अदा की। नमाज़ के बाद उन्होंने हाथ उठाकर गांव और यहां के बुनकर परिवारों की तरक्की की दुआ भी मांगी। यह दृश्य देखकर ग्रामीण भावुक हो उठे।
ग्रामीणों ने पहली बार किसी बड़े अधिकारी को इतनी सहजता से अपने बीच पाया। गांव के हिसमूल अंसारी ने कहा कि डीआईजी साहब को देख कर लगा ही नहीं कि वे इतने बड़े पद पर हैं। उन्होंने हमारे साथ बैठकर हमारी बातें सुनीं, यह हमारे लिए गर्व की बात है।
इस दौरान गांव के बुनकरों ने अपनी रोज़मर्रा की चुनौतियों- धागे की बढ़ती कीमत, बाज़ार की कमी और आधुनिक साधनों के अभाव की बातें साझा कीं। डीआईजी ने भरोसा दिलाया कि उनकी आवाज़ उच्च स्तर तक पहुँचाई जाएगी।
कार्यक्रम में हिसमूल अंसारी, ऐनुल होदा, जाखिज अंसारी, सुभानी साहब, रहमुद्दीन अंसारी, अख्तर अंसारी, हदीश अंसारी, फिरोज आलम, मंसूर आलम सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।










