रांची. आज राज्यपाल सह कुलाधिपति सीपी राधाकृष्णन के शैक्षणिक सलाहकार प्रो. ई बालागुरुस्वामी डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, रांची आए। उनके साथ राज्यपाल के ओएसडी, न्यायिक मुकलेश चंद्र नारायण भी थे। प्रो. ई बालागुरुस्वामी ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, रांची के प्रशासनिक और अकादमिक कार्यों की पूरी जानकारी ली। इस क्रम में उन्होंने कुलपति डॉ. तपन कुमार शांडिल्य, कुलसचिव डॉ. नमिता सिंह समेत विश्वविद्यालय के सभी डीन, HOD के साथ लंबी बैठक कर उनसे अकादमिक और विश्वविद्यालय की आधारभूत संरचना पर संवाद किया।
अपने उदबोधन में उन्होंने विश्वविद्यालय में रिसर्च और शोध की गुणवत्ता और संख्या पर प्रसन्नता जाहिर किया और कहा कि जल्द ही इन सब मानकों को बनाए रखने के कारण यह विश्वविद्यालय अपनी अलग पहचान बनाएगा। उन्होंने शिक्षकों से संवाद करते हुए कहा कि हमें विद्यार्थियों को इस बात के लिए प्रेरित करना होगा कि वो जिज्ञासु बनें और शिक्षकों से अपने शैक्षणिक समस्याओं पर निरंतर विमर्श करें इन्होने कहा कि हमें अपने अध्यापन की प्रक्रिया में विद्यार्थियों में तार्किक क्षमता, सामूहिकता पर बल देने की आवश्यकता है।
उन्होंने विद्यार्थियों को उनके व्यक्तित्व विकास को निखारने की बात कही। थॉमस अल्वा एडीसन का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि यह मायने नहीं रखता कि हमारा परीक्षा परिणाम क्या है, बल्कि हमारी रुचि और हमारा मनोयोग हमें अपनी मंजिल पर पहुंचता है । इसके पूर्व कुलपति डॉ. तपन कुमार शांडिल्य ने प्रो. ई बालागुरुस्वामी और OSD J मुकलेश चंद्र नारायण का स्वागत किया और उन्हें गौतम बुद्ध की प्रतिमा भेंट की।
प्रो. ई बालागुरुस्वामी ने कुलपति प्रो तपन कुमार शांडिल्य को अपनी पुस्तक की एक प्रति भेंटस्वरूप दी। अपने स्वागत भाषण में प्रो. तपन कुमार शांडिल्य ने विस्तार से रांची कॉलेज के डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय बनने तक के सफर की विवेचना की। उन्होंने कहा कि जल्द ही विश्वविद्यालय अपनी अकादमिक और अन्य गतिविधियों में श्रेष्ठता लाकर प्रगति के पथ पर गतिशील होगा। इसके पूर्व विश्वविद्यालय के IQCR संभाग के डॉ. अभय कृष्ण सिंह, के द्वारा सभागार में स्लाइड के माध्यम से पूरे विश्वविद्यालय की आधाभूत संरचना, अकादमिक स्थिति, विद्यार्थियों की संख्या, शिक्षकों की संख्या, शोध और रिसर्च जर्नल के प्रकाशन से संबंधित जानकारी प्रदान की गई। विभाग के अन्य सदस्य डॉ. शालिनी लाल, शमा सोनाली और डॉ. विनय भरत भी उपस्थित थे।