रामगढ़: झारखंड के रामगढ़ उपचुनाव में अब चुनावी भोंपू थमने वाला है. आज शाम यहां पर प्रचार- प्रसार का दौर खत्म हो जाएगा. किसी तरह की रैली, सभा पर रोक लग जाएगी. जिसके बाद प्रत्याशी डोर टू डोर प्रचार कर सकेंगे. 27 फरवरी को सुबह 7 से शाम 5 बजे तक मतदान होगा. रामगढ़ उपचुनाव में 506 ईवीएम और 547 वीवीपैट का इस्तेमाल होगा. 3 लाख 34 हजार 167 मतदाता हैं, जिसमें 1 लाख 72 हजार 923 पुरुष, 1 लाख 61 हजार 244 महिला मतदाता शामिल हैं, जो 18 प्रत्याशियों की राजनीतिक किस्मत का फैसला करेंगे.
18 प्रत्याशी आजमा रहे किस्मत
बजरंग महतो (कांग्रेस), सुनीता चौधरी (आजसू पार्टी), युगन कुमार (नवोदय जनतांत्रिक पार्टी), संतोष कुमार महतो (झारखंड पार्टी), अजीत कुमार (निर्दलीय), इमाम सफी (निर्दलीय), कामदेव महतो (निर्दलीय), तुलेश्वर कुमार पासवान (निर्दलीय), धनंजय कुमार पुटूस (निर्दलीय), पांडव कुमार महतो (निर्दलीय), प्रदीप कुमार (निर्दलीय), फारुख अंसारी (निर्दलीय), मनोज कुमार बेदिया (निर्दलीय), महिपाल महतो (निर्दलीय), रामावतार महतो (निर्दलीय), रंजीत महतो (निर्दलीय), सहदेव कुमार (निर्दलीय) एवं सुलेन्द्र महतो (निर्दलीय) प्रत्याशी के तौर पर चुनावी मैदान में हैं.
2019 से पहले AJSU का रहा दबदबा
रामगढ़ के इतिहास की बात करें तो बिहार से अलग होने के बाद पहली बार यहां साल 2005 में विधानसभा चुनाव हुए थे. इस सीट पर आजसू के चंद्र प्रकाश चौधरी ने जीत हासिल की थी फिर वो 2005, 2009 और 2014 तक में भी विधायक रहे. वर्ष 2019 में जब चंद्रप्रकाश चौधरी गिरिडीह से सांसद बन गये. तो इसी वर्ष के विधानसभा चुनाव में अपनी पत्नी सुनीता चौधरी को मैदान में उतारा. लेकिन इस बार बाजी पर कांग्रेस की ममता देवी मार गईं.
70 फीसदी मतदान का इतिहास
रामगढ़ में 2009 विधानसभा चुनाव में 67.63%, 2014 में 70.72% और 2019 विस चुनाव में 71.36 प्रतिशत मतदान हुआ था.
क्यों हो रहा रामगढ़ उपचुनाव ?
झारखंड गठन के बाद पहली बार रामगढ़ में कांग्रेस को जीताने वाली ममता देवी को अदालत ने गोला गोलीकांड में दोषी मानते हुए 5 वर्ष की सजा सुनाई थी. जिसके बाद रामगढ़ की सीट पर उपचुनाव हो रहा है.