रांची. सांसद संजय सेठ ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने से संबंधित सवाल लोकसभा में रखा था और पूछा था कि भारत सरकार इस दिशा में क्या काम कर रही है। राज्यों को उसके लिए जारी की गई राशि का ब्यौरा क्या है? इसी का जवाब देते हुए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा में बताया कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा मिले, इसके लिए सरकार ने बीपीकेपी की राशि कुल 8 राज्यों को जारी की है। इन 8 राज्यों को 409400 हेक्टेयर भूमि पर खेती के लिए ₹5599 लाख की राशि जारी की गई है। इसमें झारखंड में 34100 हेक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की दिशा में काम चल रहा है और इसके लिए ₹54 लाख से अधिक की राशि जारी भी कर दी गई है। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सबसे अधिक राशि केरल को दी गई है, जो 1954 लाख रुपया है। जबकि क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे अधिक प्राकृतिक खेती आंध्र प्रदेश में हो रही है, जो 100000 हेक्टेयर भूमि पर है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा में बताया कि भारत में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार ने परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत वर्ष 2019-20 में काम शुरू किया गया। इसी योजना के तहत मुख्य रूप से सभी सिंथेटिक, रासायनिक उत्पादनों के बहिष्कार पर जोर दिया गया और बायोमास, मल्चिंग, गाय के गोबर, गोमूत्र और अन्य पौधे आधारित सामग्री के उपयोग पर जोर देने के साथ साथ खेत में बायोमास रीसाइकलिंग को बढ़ावा देने का काम शुरू हुआ है। बीपीकेपी के तहत 500 हेक्टेयर कलस्टर में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रति हेक्टेयर 3 वर्षों के लिए 12200 रुपये की राशि भी प्रदान की जा रही है। इसका सुखद परिणाम यह रहा है कि अब तक 4 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को बीपीकेपी के तहत लाया गया है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारत सरकार अगले 4 वर्षों में 15000 क्लस्टर विकसित करके 7.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र पर प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रही है। केंद्रीय मंत्री ने लोकसभा में यह भी बताया कि सरकार राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान और राष्ट्रीय जैविक और प्राकृतिक खेती केंद्र के माध्यम से मास्टर प्रशिक्षकों चैंपियन किसान और अभ्यास करने वाले किसानों को बड़े पैमाने पर प्राकृतिक खेती की तकनीक पर प्रशिक्षण दे रही है। इन संस्थाओं के माध्यम से अब तक 22 क्षेत्रीय भाषाओं पर अध्ययन सामग्री तैयार हुई है। प्राकृतिक खेती के लिए 697 मास्टर ट्रेनर विकसित किए गए हैं और मैनेज संस्था के माध्यम से 56952 ग्राम प्रधानों के लिए प्राकृतिक खेती पर 997 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि प्राकृतिक खेती को देश में अधिक से अधिक बढ़ावा मिले, इसके लिए भारत सरकार पूरी तरह से गंभीर है और इसके सकारात्मक परिणाम अब सामने दिखने लगे हैं।