नई दिल्ली : नए संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही करेंगे। इसको लेकर दायर की गई याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इस मामले में दखल नहीं देगा। यह अदालत का विषय नहीं है। इस टिप्पणी के बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस जेके महेश्वरी की बेंच ने मामले की सुनवाई की।
याचिका में क्या कहा गया था ?
अदालत में दाखिल याचिका में कहा कि राष्ट्रपति देश की प्रथम नागरिक हैं। संविधान के अनुच्छेद 79 के मुताबिक राष्ट्रपति संसद का भी अनिवार्य हिस्सा हैं। लोकसभा सचिवालय ने उनसे उद्घाटन न करवाने का जो फैसला लिया है, वह गलत है।
राष्ट्रपति देश के संवैधानिक प्रमुख
याचिकाकर्ता ने याचिका में कहा कि देश के संवैधानिक प्रमुख होने के नाते राष्ट्रपति ही प्रधानमंत्री की नियुक्ति करते हैं। सभी बड़े फैसले भी राष्ट्रपति के नाम पर लिए जाते हैं। याचिका में कहा गया है कि अनुच्छेद 85 के तहत राष्ट्रपति ही संसद का सत्र बुलाते हैं। अनुच्छेद 87 के तहत उनका संसद में अभिभाषण होता है, जिसमें वह दोनों सदनों को संबोधित करते हैं।
कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा- क्या आप हाईकोर्ट जाएंगे ?
इसके बाद वकील ने याचिका वापस लेने की इजाजत मांगी। इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा, याचिका वापस लेने की इजाजत दी गई तो यह हाईकोर्ट चले जाएंगे। इस पर कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि क्या आप हाईकोर्ट जाएंगे। वकील की तरफ से कहा गया, नहीं। इस पर जज ने याचिका वापस लेने की इजाजत दी।









