- गुरु के बिना जीवन अधूरा: शिक्षक दिवस पर डीआईजी नौशाद आलम ने साझा किया अपना अनुभव
मेदिनीनगर: शिक्षक दिवस के अवसर पर हिंदुस्तान अवाम मोर्चा (हम) पार्टी की ओर से मेदिनीनगर के रेड़मा स्थित ठाकुरबाड़ी में शिक्षक सम्मान समारोह सह कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में पलामू रेंज के डीआईजी नौशाद आलम तथा हम पार्टी के झारखंड प्रदेश प्रभारी सुनील कुमार चौबे उपस्थित रहे। इस अवसर पर हम पार्टी के जिला अध्यक्ष आशुतोष तिवारी ने मुख्य अतिथियों का शॉल और मोमेंटो देकर स्वागत किया।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलित कर की गई। इसके बाद समारोह में शामिल सभी कवियों को शॉल और रामचरितमानस भेंटकर सम्मानित किया गया। मौके पर डीआईजी नौशाद आलम ने अपने संबोधन में शिक्षक के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शिक्षक दिवस मनाने की परंपरा भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती से जुड़ी है।
वे एक महान दार्शनिक और आदर्श शिक्षक थे। उन्होंने हमेशा कहा कि यदि आप मुझे सम्मान देना चाहते हैं तो उसे शिक्षक दिवस के रूप में मनाइए। तभी से हर वर्ष 5 सितंबर को पूरे देश में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य शिक्षकों के योगदान को याद करना और समाज में उनके महत्व को रेखांकित करना है।
वही डीआईजी ने कहा कि जब तक जीवन में शिक्षक नहीं रहेंगे, गुरु का ज्ञान नहीं मिलेगा, तब तक कोई भी व्यक्ति किसी आयाम तक नहीं पहुंच सकता।
उन्होंने अपने जीवन का एक संस्मरण साझा करते हुए बताया कि डीएसपी रहते हुए एक बार गांव में गश्ती के दौरान मैं अपने एक शिक्षक से मिला। पुलिस की गर्दी ओर वर्दी में पुलिस देखकर वें शिक्षक साइकिल छोड़कर भागने लगे। तब मैंने दौड़कर उन्हें आवाज दी और कहा—गुरुजी, मैं आपका शिष्य नौशाद हूं। फिर उनके चरण छूकर आशीर्वाद लिया। और उनसे कहा आज मैं जो कुछ भी हूं, अपने शिक्षकों के ही आशीर्वाद और मार्गदर्शन से हूं।
समारोह में बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे और शिक्षकों को सम्मान देने की इस पहल की सराहना की।