Desk. केंद्र सरकार ने दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर संविधान पीठ के फैसले की समीक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। बीते हफ्ते सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने दिल्ली सरकार को राजधानी दिल्ली में काम करने वाले अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग करने के अधिकार दिए थे। केंद्र ने एक अध्यादेश लाकर वापस से ग्रुप ए अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली के उप-राज्यपाल को सौंप दिया है।
दरअसल, केंद्र सरकार ने दिल्ली राजधानी कैडर के ग्रुप-ए अधिकारियों के तबादले और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण गठित करने के उद्देश्य से शुक्रवार को एक अध्यादेश जारी किया। अध्यादेश जारी किये जाने से महज एक सप्ताह पहले ही उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में कुछ सेवाओं को छोड़कर अन्य सभी सेवाओं का नियंत्रण दिल्ली सरकार को सौंप दिया है।
वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि केंद्र उच्चतम न्यायालय के फैसले को पलटने के लिए अध्यादेश जारी करने की योजना बना रही है। अध्यादेश में कहा गया है कि राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्रधिकरण नाम का एक प्राधिकरण होगा, जो उसे प्रदान की गई शक्तियों का उपयोग करेगा और उसे सौंपी गई जिम्मेदारियों का निर्वहन करेगा।